रानीगंज (अररिया) : रानीगंज प्रखंड मुख्यालय के घनी आबादी वाले पश्चिमी हिस्से की ओर कारी कोसी नदी तेजी से कटान कर रही हैं। अगर समय रहते नहीं नदी में चिरान कर नदी का रुख मोड़ा नहीं गया तो आस-पास के टोलों पर विस्थापन का खतरा मंडराने लगेगा।
कारी-कोसी नदी का प्रवाह मार्ग जो कभी रानीगंज वासियों के आवागमन का साधन हुआ करता था वहीं प्रवाह आज गांव वासियों के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा हैं। कई सौ एकड़ उपजाऊ जमीन को बंजर बना चुकी नदी का कटान अब धनी आबादी वाले हिस्से के बिलकुल निकट पहुंच गयी हैं। लगातार तीखी कटान के लिए विख्यात यह नदी कोरिया घाट से लेकर कदम घाट तक घनी आबादी वाले इलाके की ओर लगातार बढ़ रही हैं। बरसात के दिनों में उफनती इस नदी में आयी बाढ़ व उसकी कटाव को रोकने के लिए रक्षक बना नहर का तटबंध कई जगह खुद नदी के चपेट में आ गया है। जामुन घाट, बंगाली टोला, दिवान टोला, पासवान टोला एवं कोरिया घाट के निकट के निवासी बताते हैं कि एक दशक पूर्व नदी का तट काफी दूर था। प्रभावित किसान बताते हैं कि प्रति वर्ष नदी का कटान हम लोगों के उपजाऊ जमीन को अपने आयोग में लेती जा रही हैं। बरसात के समय में पदाधिकारीगण आकार नदी की उफनती प्रवाह एवं कटाव को देख बरसात के बाद नदी का रुख मोड़ने का आश्वासन देते रहे हैं परंतु बरसात खत्म होते ही वो सभी आश्वासन नदी की धारा में बह जाता है। इन किसानों ने प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए कहा है कि अभी समय रहते नदी का धारा को मोड़ दिया जाय तो न सिर्फ सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन बंजर होने से बच जायेगा बल्कि घनी आबादी वाले टोले-मोहल्लों से बरसात में बाद का खतरा भी खत्म हो जायेगा।
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