Thursday, January 6, 2011

विकास से महरूम गोखलापुर पंचायत

नरपतगंज(अररिया) : नरपतगंज प्रखंड के गोखलापुर पंचायत आजादी के 64 वर्षो बाद भी विकास से महरूम अपनी दशा पर आंसू बहा रही है। विकास के नाम पर पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर विधानसभा और लोकसभा की रौनक बढ़ाने वाले नेताओं ने इस क्षेत्र के विकास के नाम पर भले ही अपना विकास कर लिय मगर इस क्षेत्र के आधी से अधिक आबादी आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
गोखलापुर के बेलसंडी गांव जहां की दलितों और महा दलित परिवार की संख्या ज्यादा है। सड़क, बिजली, शुद्ध पेयजल के साथ साथ चिकित्सा की सुविधा आज तक नहीं मुहैया हो सकी। जिस कारण यहां के लोग आज भी पूर्ण पाषाण युग में जीने को विवश हैं। यही हाल इस पंचायत के कोचगामा की भी है। यहां मूलभूत सुविधा से वंचित हो विकास की बाट जोह रही है। इन गांव में आज भी कई ऐसे दलित परिवार हैं जो अपना जीवन यापन देशी शराब और धोंधा सितुआ खा कर जीने पर मजबूर हैं। मूलभूत सुविधा के नाम पर इस गांव के लोगों ने जब भी आवाज उठाने का काम किया इनकी आवाज को दबंगों, प्रशासनिक लोगों एवं राजनेताओं ने झुठी आश्वासनों का सब्जबाग दिखा दफन कर दिया गया। इस क्षेत्र में शिक्षा के अलख जगाने वाले गांव के गांधी गोविन्द साह हो या फिर क्षेत्र की विकास की लड़ाई लड़ने वाले इस क्षेत्र के रामजी उरॉव, दाना लाल उरॉव, खाजा सिंह, राम प्रसाद राम, संजय राम, योगधर राम, उमेश चौपाल, प्रवेश ऋषिदेव, सम्पत लाल ऋषिदेव, महेश राउत, रंजीत उरॉव याफिर आंगनबाड़ी सेविका दीदी हो। आज भी क्षेत्र की विकास हेतु हर छोटे-बडे़ नेताओं के समक्ष अपनी आवाज बुलंद करने से नहीं हिचकते। देखना यह है कि इस क्षेत्र के लिए कौन सा लेलिन बन इसके दर्द को खुशियों में बदलता है।

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