Saturday, January 8, 2011
ठंड बढ़ने से जनजीवन प्रभावित, अलाव की मांग
अररिया : सर्द हवाओं के बीच शुक्रवार की सुबह आसमान पूरी तरह कुहासा से घिरा रहा। दोपहर बाद धूप निकलने से लोगों को थोड़ा राहत महसूस हुई। इस बढ़ती ठंड में घर हो या बाहर हर कोई आग की तपिश खोज रहा था। इस बढ़ती ठंड में लोगों को निजात पाने के लिए रद्दी कागज, लकड़ी व गाड़ियों के टायर, कागज गत्ता आदि चौक चौराहों पर जलाकर गरीब तबके के लोग आग से राहत पायी। लोगों का सुबह से घरों से निकलना मुश्किल हो गया। अगर घर से निकले भी तो इस ठंड से बचने के लिए सर से लेकर पैर तक मुकम्मल इंतजाम करके ही निकले। बाजारों में इस बढ़ती ठंड के कारण हमेशा सदाबहार(गुलजार) रहने वाले बाजार शाम ढलते ही सन्नाटा छा जा रहा है। लोग अपने घरों में जाकर दुबक जा रहे है। वहीं इलेक्ट्रानिक दुकानों पर हीटरों की मांग बढ़ गयी है जबकि रेडीमेड कपड़ों की दुकानों पर ऊनी वस्त्रों की खरीददारी के लिए लंबी लाईने देखी जा रही है। इधर कई दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड का कहर जारी है। लोगों का जीवन यापन अस्त व्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा परेशानी गरीब तबके के लोगों को है जो इस ठंड से बचने के लिए चौक चौराहों पर टायरों आदि जलाकर ठंड से निजात पा रहे है। इस ठंड से बचने के लिए गरीबों का एक मात्र सहारा आग ही है। जिसके सहारे लोग अपनी रात गुजारते है। बावजूद इसके नगर के किसी भी चौक चौराहों पर प्रशासन की ओर से अलाव की लोग इधर उधर से सड़कों पर कागज आदि बीनकर जलाते देखे जा रहे है। वहीं नगर के संजय कुमार मिश्र, बलराम भगत, गोपाल यादव, गंगा प्रसाद यादव, आदि का कहना कि शहर के काली मंदिर चौक, चांदनी चौक, एडीवी चौक सहित अन्य चौक चौराहों पर अलाव जलाये जायें। इन लोगों का कहना है कि बढ़ती ठंड से निजात के लिए अलाव जलाने के लिए प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गयी है अविलंब यह व्यवस्था की जाये ताकि गरीब वर्ग के लोगों को इस ठंड से निजात मिल सके। इस बढ़ती ठंड का असर व्यक्ति के साथ साथ पशु पक्षियों व जानवरों पर भी पड़ रहा है।
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