सिकटी (अररिया) : नारी अगर शक्ति रूपा दुर्गा काली बन सकती है तो विद्या की देवी सरस्वती क्यों नही बन सकती है। महिलाओं में शिक्षा का विकास किए बिना संपूर्ण समाज की परिकल्पना अधूरी है। समाज की सबसे बड़ी जिम्मेदारी महिलाओं को शिक्षा प्राप्ति के लिए बाहर लाने की है। जब तक हम सामाजिक कुरीतियों व अंधविश्वासों को मन में पालेंगे तब तक शिक्षा प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
ये बातें जिला परिषद अध्यक्ष शगुफ्ता अजीम ने साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत प्रखंड बेंगा पंचायत के करहबाड़ी महादलित टोले में आयोजित अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह सम्मान समारोह के दौरान अपने संबोधन में कही।
उन्होंने महिलाओं को साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत गुप्त सरकारी शिक्षा प्राप्त कर जागरूक बनकर सामाजिक शोषण से निजात पाने अपील की। मौके पर मुख्य कार्यक्रम समन्वयक बासुकी नाथ झा ने इस कार्यक्रम के माध्यम से आगामी 18 मार्च को महा परीक्षा में भाग लेने की अपील करते हुए साक्षर भारत का सपना पूरा करने जिप अध्यक्ष के सहयोग की भूरि-भूरि प्रशंसा की। कार्यक्रम समन्वयक इम्तियाज आलम ने महापरीक्षा की जानकारी देते हुए इसमें सामाजिक सहयोग की बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं धन्यवाद ज्ञापन स्थानीय मुखिया विपीन कुमार यादव ने की। इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन जिप अध्यक्ष द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके बाद स्वागत गान एवं केआरपी नीलम कुमारी ने जिप अध्यक्ष को शाल भेंटकर सम्मानित किया गया। मौके पर ही मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना के महापरीक्षा में उर्त्तीण नवसाक्षरों को प्रमाण पत्र वितरण किया गया। कार्यक्रम को स्थानीय सरपंच, पंसस हीरा लाल पासवान, सामाजिक कार्यकर्ता सियाराम मिश्र, प्रकाश यादव सहित अन्य ने भी संबोधित किया। मंच संचालन प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक वीके झा द्वारा किया गया। समारोह में स्थानीय प्रेरक विजय पंजियार, रेखा देवी सहित जय लाल सिंह, नदीम अनवर, योगानंद यादव, भागीरथ ठाकुर, राधेश्याम झा, मीनाक्षी देवी तथा व्यापक संख्या में नवसाक्षर महिलाएं स्वयं सेवक छात्राएं एवं स्थानीय जन समुदाय के लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर साक्षर भारत कार्यक्रम में पढ़ी नवसाक्षर महिला सावित्री देवी के होर्डिग का अनावरण भी किया गया।
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