अररिया : विभिन्न एजेंडों पर गुरुवार को डीआरडीए सभा भवन में आहुत की गई जिला परिषद की विशेष बैठक में जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन के तौर-तरीकों पर नाराजगी व्यक्त की। इतना ही नहीं जिला परिषद अध्यक्ष, सासंद प्रतिनिधि समेत तमाम जिप सदस्यों ने डीएम का नाम लिये बगैर उनपर सीधा निशाना साधा। बैठक में जिला परिषद की अध्यक्ष शगुफ्ता अजीम ने कहा कि गत एक वर्ष में जिले के विकास में काफी गिरावट आदि है। जिसका मुख्य कारण है कि वरीय अधिकारी बंद कमरे में पालिसी का निर्धारण करते हैं और उस योजना को अनुमोदन के लिए जिला परिषद की बैठक में भेजा जाता है। जिप को सूचित किये बगैर जिले के 360 राजस्व ग्राम में मनरेगा का पायलट प्रोजेक्ट को बैठक में पारित नहीं किया गया इसके अतिरिक्त बैठक से अनुपस्थित रहने पर जिला कृषि पदाधिकारी वैद्यनाथ यादव से स्पष्टीकरण पूछने तथा बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ उर्जा मंत्री को पत्र लिखने का निर्णय लिया गया। साथ हीं 2006 से अब तक 18 जिप बैठकों में से मात्र 8 बैठक में जिला कल्याण पदाधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा करने का प्रस्ताव पारित किया गया। कब्रिस्तान घेराबंदी करने का प्रस्ताव पारित किया गया। कब्रिस्तान घेराबंदी योजना की जांच के लिये पांच सदस्यीय जांच कमिटी बताई गई। बैठक में एनईसी निदेशक विजय कुमार, जिप उपाध्यक्ष शंभु प्र. साह, सांसद प्रतिनिधि संजय कुमार मिश्र, डीईओ दिलीप कुमार, डीएसई अहसन, डीडब्ल्यूओ सुनील कुमार मिश्र समेत सभी जिप सदस्य व अधिकारीगण मौजूद थे।
0 comments:
Post a Comment