अररिया : जिले के सबसे बड़े घोटाले में शुमार हो चुका डेहटी पैक्स घोटाले के मुख्य आरोपी पैक्स प्रबंधक रूद्रानंद झा की गिरफ्तारी के बाद पूरे जिले में खलबली मच गयी है तथा माफियाओं के बीच हड़कंप मचा हुआ है। पैक्स की राशि पचाने वाले सफेदपोशों के घर में देर रात तक बैठकों का दौर जारी है।
सहरसा से गिरफ्तार होने वाले पैक्स प्रबंधक के बयान पर कई दिग्गजों का भविष्य टिका हुआ है। पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रबंधक पर तकरीबन 20 मुकदमों के आरोप सत्य पाये गये हैं। अगर वे सरकारी गवाह बन कर जांच में सहयोग करें तो घोटाले के चीफ सरगना तक पुलिस के हाथ पहुंच सकते हैं। दरअसल डेहटी पैक्स में राशि जमा करने का सिलसिला 2004 से ही शुरू हुआ था। डेहटी पैक्स घोटाला उजागर होने के बाद राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव रामबाबू सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच दल अररिया भेजा। जांच दल ने पूरे मामले की जांच करने के उपरांत 31 मार्च 2008 को तकरीबन 26 करोड़ से ज्यादा की राशि डेहटी पैक्स में जमा होने का उल्लेख अपने रिपोर्ट में किया था। जांच प्रतिवेदन में उन्होंने राशि पैक्स में जमा करवाने के लिए कुछ जिला स्तरीय व जिला परिषद के नेताओं के दबाव की आशंका जतायी थी। इस घोटाले में सरकार ने अब तक छह बीडीओ, पूर्व के डीडीसी, दर्जन भर सहायक व नाजिर पर कार्रवाई की है।
सूत्रों के अनुसार सरकारी राशि के एक लाख का चेक के तौर पर 10 हजार नगद दिया जाता था। इस मामले के आरोपी सिर्फ जिले में नहीं बल्कि अन्य जिले सुपौल में भी कार्यरत हैं। हालांकि सुपौल में कार्यरत सहायक पर कार्रवाई के लिए डीएम ने सुपौल डीएम को पत्र लिखा है। इस पूरे घोटाले में सिर्फ 10 हजार गरीबों के आशियाने बनाने के सपने चूर हो गये। सिर्फ पलासी व सिकटी के आठ हजार से अधिक लोगों के इंदिरा आवास की राशि पैक्स में जमा करायी गयी थी।
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