अररिया : पैगम्बरे इसलाम हजरत मोहम्मद सल्ल. पूरी इंसानियत के सबसे बड़े मोहसिन थे। दुनियाए इंसानियत इसे कभी फरामोश नहीं कर सकती आपने इंसान के व्यक्तिगत और सामूहिक जिंदगी को अपनी इसलाह का केंद्र बनाया है। यह बातें आजाद एकेडमी मस्जिद के इमाम कारी नियाज अहमद कासमी ने कही। श्री कासमी ने कहा कि इंसानी जिंदगी और समाज का कोई ऐसा पहलू नहीं है जिसे पैगम्बरे इंसान ने तबज्जों नहीं दिया हो। आप इंसानियत के अलमबरदार थे पूरी दुनिया के लिए एक मार्ग दर्शक के रूप में आपकी पहचान है। आपकी नजर में सबसे बड़ा जुल्म किसी का बेकसुर खून बहाना है। पैगम्बरे इसलाम ने नशा को हराम करार दिया। क्योंकि यह तमाम बुराईयों की जड़ है। ईद मिलादुनबी के मौके पर कारी नियाज ने पूरी दुनियाए इंसानियत के अमन अमान की बात कही।
Thursday, February 17, 2011
पैगम्बरे इसलाम पूरी इंसानियत के अलमबरदार: नियाज
अररिया : पैगम्बरे इसलाम हजरत मोहम्मद सल्ल. पूरी इंसानियत के सबसे बड़े मोहसिन थे। दुनियाए इंसानियत इसे कभी फरामोश नहीं कर सकती आपने इंसान के व्यक्तिगत और सामूहिक जिंदगी को अपनी इसलाह का केंद्र बनाया है। यह बातें आजाद एकेडमी मस्जिद के इमाम कारी नियाज अहमद कासमी ने कही। श्री कासमी ने कहा कि इंसानी जिंदगी और समाज का कोई ऐसा पहलू नहीं है जिसे पैगम्बरे इंसान ने तबज्जों नहीं दिया हो। आप इंसानियत के अलमबरदार थे पूरी दुनिया के लिए एक मार्ग दर्शक के रूप में आपकी पहचान है। आपकी नजर में सबसे बड़ा जुल्म किसी का बेकसुर खून बहाना है। पैगम्बरे इसलाम ने नशा को हराम करार दिया। क्योंकि यह तमाम बुराईयों की जड़ है। ईद मिलादुनबी के मौके पर कारी नियाज ने पूरी दुनियाए इंसानियत के अमन अमान की बात कही।
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