कुसियारगांव (अररिया) : ऐसे तो परदेस की सौगात (एड्स) से पूरा सीमांचल आहत है लेकिन नेपाल सीमा पर बसे अररिया जिले में इसकी तस्वीर और भी धूंधली है। नाको के ग्रेड ए में शामिल इस जिले में एड्स पीड़ितों की संख्या अब दो सौ के पार हो गई है।
आरडीडी सह सिविल सर्जन डॉ. हुस्नआरा वहाज ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एचआइवी संक्रमित व्यक्तियों की पहचान के लिए लगातार प्रयास जारी है। इसके लिए कई प्रकार के प्रचार व जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस साल जनवरी में 1628 व फरवरी में 1688 लोगों की काउंसिलिंग की गई। वहीं कुल 2685 लोगों का एचआइवी टेस्ट किया गया, जिनमें 11 लोगों को एचआइवी पॉजीटिव पाया गया। इसके साथ ही एचआइवी संक्रमित लोगों की संख्या दो सौ तीन तक पहुंच चुकी है।
एड्स के डीपीएम अखिलेश्वर कुमार सिंह के अनुसार बिहार के अररिया व लखीसराय जिला नाको के ए ग्रेड में शामिल हो चुका है। बढ़ते मामलों के कारण विभाग चिंतित है तथा इस पर नियंत्रण व जागरूकता को लेकर लिंक वर्कर परियोजना भी चलाई जा रही है। एचआइवी संक्रमितों की पहचान के लिए चौतरफा प्रयास किया जा रहा है। जिले के हर सरकारी अस्पताल के आउटडोर व इमरजेंसी में आने वाले रोगियों तथा फैमिली प्लानिंग या प्रसव के लिए आई महिलाओं की जांच की जाती है। वहीं निजी तौर पर इलाज करवा रहे लोगों को ऐसे प्राइवेट चिकित्सकों को भी सूचना भेजी जा चुकी है कि वे एचआइवी पॉजीटिव लोगों की पहचान करें तथा पता चलने पर तुरंत एड्स कंट्रोल विभाग को सूचित करें। ताकि उनके उपचार व सहायता का प्रावधान किया जा सके। उन्होंने बताया कि एचआइवी संक्रमित लोगों को दवा व सलाह आदि देने के लिए लिंक एआरटी सेंटर भी चालू किया गया है। वहीं नाको और बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा एक बड़ी परियोजना भी जल्द शुरू की जा रही है।
उन्होंने बताया कि जिले से अधिकांश युवा मजदूरी के लिए बाहर के प्रांतों में जाते रहते हैं। एचआइवी संक्रमण के अधिकांश मामले ऐसे ही प्रवासी श्रमिकों से जुड़े हैं। वहीं एचआइवी संक्रमित गर्भवती महिलाओं का स्वच्छ प्रसव करवाकर उनका उपचार जारी है। अब तक ऐसी लगभग 10 महिलाओं का प्रसव करवाया जा चुका है।
वहीं प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अखिलेश शर्मा ने बताया कि सतर्कता व बचाव ही इससे बचने का एकमात्र उपाय है। सुरक्षित शारीरिक संपर्क के लिए कंडोम का इस्तेमाल, एक ही निडिल से कई लोगों को सूई नहीं लेना, बिना टेस्ट के ब्लड नहीं चढ़ाना तथा एक ही औजार से दूसरे लोगों को सिलाई व ऑपरेशन नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि एड्स पीड़ित व्यक्ति के साथ उठने बैठने या एक ही शौचालय का प्रयोग करने से एड्स नहीं होता है।
0 comments:
Post a Comment