Tuesday, May 8, 2012

खबरदार! दागदार हो रहे वफादार


कुसियारगांव (अररिया) : धरती की सर्वाधिक भरोसे के रिश्ते की डोर टूट रही है। इंसान और पशुओं के रिश्ते नए सिरे से परिभाषित हो रहे हैं। यहां इंसानों के सबसे वफादार माने जाने वाले कुत्ते इंसानों से दगा कर रहे हैं। सड़कों पर बढ़ी कुत्तों की दादागिरी से इंसान सकते में हैं। आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि रिश्ते दरक रहे हैं। जिले में एक वर्ष के दौरान 2196 लोग कुत्तों का निशाना बन चुके हैं।
धरती पर जीवन की शुरूआत से ही इंसानों और कुत्तों के रिश्ते रहे हैं। महाभारत काल में भी इस रिश्ते की बानगी युधिष्ठिर और कुत्ते की चर्चा में दिखती है। मनुष्यों के लिए कुत्ते सर्वाधिक वफादार माने जाते रहे हैं। परंतु आंकड़े इस बात को झुठलाते हैं। जिले में सड़कों पर आवारा कुत्तों की दादागिरी बढ़ गयी है। बीते वर्ष 2011 में 2196 लोग इन कुत्तों के शिकार हुए। आवारा कुत्तों की बढ़ी दादागिरी से इंसान सकते में हैं। जिले में आवारा कुत्तों के इस दादागिरी भी हर कोई खामोश है। खासकर नेपाल से सटे इलाके में कुत्तों की आवारगी चरम पर है। कुछ ग्रामीण इलाकों में कुत्तों के भय से लोग देर रात सड़कों पर नहीं निकलते हैं। इस बाबत सिविल सर्जन डा. हुस्न आरा बहाज ने कहा कि कुत्ता काटने की दवा अस्पतालों में उपलब्ध है। मरीजों को समय से यह उपलब्ध करवाया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के कुत्तों के शिकार व्यक्तियों की संख्या आंकड़ों के अनुसार
भरगामा में 118
फारबिसगंज 838
जोकीहाट 06
कुर्साकांटा 605
नरपतगंज 184
पलासी 27
रानीगंज 119
सिकटी 74
सदर अस्पताल 225

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