Thursday, May 10, 2012

राशि घोटाले के आरोप में पांच बैंक अधिकारी गिरफ्तार


अररिया : भोले-भाले ग्रामीणों को ठगी के मकड़जाल में फंसाने वाले लोग कानून के जाल में आ गये। केसीसी ऋण एवं इंदिरा आवास मद की फर्जी निकासी के मामले में गुरुवार को पुलिस अधीक्षक शिवदीप लांडे के निर्देश पर गठित टीम ने एक साथ पांच बैंक अधिकारियों को अलग-अलग शहरों से गिरफ्तार करने में सफलता पायी है। गिरफ्तार बैंक कर्मियों में चार शहरों में शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थापित हैं। जबकि एक व्यक्ति मुख्य खजांची के पद पर कार्यरत है। जिले में पहली बार एक साथ पांच बैंकरों की गिरफ्तारी से कई योजनाओं में अवैध निकासी का रहस्य खुलने की संभावना बढ़ गयी है।
एसपी लांडे ने बताया कि तीन माह पूर्व केसीसी ऋण में बरती गयी अनियमितता की गंध लगी थी। इसके बाद छले गये दर्जनों किसानों ने शिकायत भी दर्ज करायी थी। एसपी ने बताया कि जांच के प्रथम चरण में 15 करोड़ से अधिक की राशि घपले-घोटाले के भेंट चढ़ने की बात सामने आयी है।
लांडे ने बताया कि तीन दिन पूर्व ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये चार टीमों का गठन किया गया था। टीम के सदस्यों ने आरोपियों को चिन्हित कर शहरों से गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि महलगांव थाना क्षेत्र स्थित सेंट्रल बैंक गैरकी के पूर्व शाखा प्रबंधक रामाशंकर जायसवाल की गिरफ्तारी कटिहार के अमदाबाद से की गयी है। वर्तमान में श्री जायसवाल अमदाबाद में ही शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थापित हैं। उनपर फर्जी दस्तावेज के सहारे ऋण उपलब्ध कराने का आरोप है। वही सेंट्रल बैंक पलासी के पूर्व शाखा प्रबंधक एसएन ठाकुर की गिरफ्तारी भागलपुर स्थित उनके आवास से हुई। श्री ठाकुर पर भी बिना जमीन के कई लोगों को ऋण स्वीकृति का आरोप हैं। जबकि यूको बैंक अररिया में पदस्थापित अनुरंजन सिंह ने सोने लाल राम के स्थान पर किसी सज्जाद नामक सरपंच की तस्वीर लगाकर इंदिरा आवास की राशि की अवैध निकासी करवा दी। वहीं सेंट्रल बैंक पलासी के पूर्व खजांची चंद्रेश्वर कुमार सिन्हा (वर्तमान में कुरसेला में प्रभारी प्रबंधक) ने भी बिचौलियों व दलालों को बैंक कार्य में प्रश्रय देकर लाभुकों की राशि का बंदर-बाट किया। बाजार प्रांगण स्थित एसबीआई के पूर्व शाखा प्रबंधक शुभ्रो कुमार दास की गिरफ्तारी नरपतगंज के नाथपुर शाखा से की गयी है। श्री दास पर आरोप है कि उन्होंने जोकीहाट के प्रसादपुर डुमरिया पंचायत में बीारजीएफ व मनरेगा योजना में 25 लाख की फर्जी निकासी करवाने में मदद की। श्री दास ने पंचायत सचिव के फर्जी हस्ताक्षर की जांच के बगैर ही आफताब आलम एवं अन्य को भुगतान कर दिया।

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