Wednesday, May 9, 2012

आचार्य कृपालानी व बैठा जैसे लोग कर चुके हैं नुमाइंदगी


अररिया : अररिया लोक सभा क्षेत्र कई मायनों में यूनिक रहा है। जहां इस क्षेत्र की नुमाइंदगी आचार्य जेबी कृपालानी व डूमर लाल बैठा जैसे सांसदों ने की वहीं, साठ के दशक में यहां से लोस सदस्य रहे तुल मोहन राम को बहुचर्चित चिथड़ा कांड की वजह से शर्मिदगी उठानी पड़ी।
सन 1952 के पहले लोक सभा चुनाव में यह पूर्णिया के साथ था और प्रख्यात शिक्षाविद तथा राजनेता आचार्य जयंत विष्णु कृपालानी यहां के पहले सांसद बने। इस क्षेत्र का स्वतंत्र अस्तित्व 1967 में हुआ। उससे पहले मो.ताहिर व फणी गोपाल सेन जैसे लोग यहां के प्रतिनिधि रहे। सन 1967 में यह सीट अनुसूचित जातियों के लिए सुरक्षित कर दी गयी और कांग्रेस के तुल मोहन राम को लोक सभा सदस्य बनने का गौरव हासिल हुआ। सन 1971 में हुए चुनाव में भी श्री राम को ही जीत हासिल हुई। इस बार वे श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस आर के टिकट कांग्रेस ओ के डूमर लाल बैठा को पराजित कर विजयी हुए थे। लेकिन उनका यह कार्यकाल विवादों से भरा रहा। उन पर बहुचर्चित चिथड़ा कांड में संलिप्त होने के आरोप लगे तथा इस कारण अररिया क्षेत्र की बदनामी हुई।
आपात काल के बाद सन 77 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के महेंद्र नारायण सरदार को भारी मतों से जीत हासिल हुई। लेकिन अस्सी में हुआ चुनाव कांग्रेस आई के डूमर लाल बैठा के नाम रहा। जिले के स्वतंत्रता सेनानियों की अंतिम जमात के प्रतिनिधि शख्स श्री बैठा इससे पहले प्रदेश सरकार में दो बार मंत्री व संसदीय सचिव के पद पर रह चुके थे।
श्रीमती गांधी की मृत्यु के बाद 1984 में हुए चुनाव में भी श्री बैठा को ही जीत हासिल हुई तथा वे केंद्र में पहले खाद्य उपमंत्री व बाद में रक्षा उत्पादन मंत्री के पद तक पहुंचे। इस दौरान वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर भी रहे। लेकिन बहुचर्चित बोफोर्स कांड के बाद सन 1989 में हुआ चुनाव जनता दल के सुकदेव पासवान के नाम रहा। इसके बाद से अगले सात चुनावों की कहानी श्री पासवान के ही नाम रही। इस दौरान वे केवल 1998 का चुनाव भाजपा के रामजी ऋषिदेव के हाथों हारे। हालांकि इस दौरान श्री पासवान ने पहले जद, फिर राजद, लोकतांत्रिक राजद व अंतत: भाजपा का दामन थामा। लेकिन 2009 के चुनाव में भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह के हाथों पार्टी टिकट गंवा कर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और दस हजार वोटों के आंकड़े के अंदर सिमट कर रह गये।
श्री पासवान के कार्यकाल में एनएच 57 व जोगबनी कटिहार रेल लाइन जैसी योजनाओं को मूर्त रूप मिला। हालांकि सांसद फंड की राशि व्यय के मामले में वे बैकबेंचर ही माने जातक रहे।
इस वक्त भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह लोकसभा में अररिया का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने अररिया में रेल सुविधाओं के विस्तार, ईस्ट वेस्ट कारीडोर की फोरलेन सड़क के निर्माण, बिजली, शिक्षा, बीपीएल आदि के संबंध में जोरदार आवाज उठाई है। श्री सिंह इस अर्थ में अपने इलाके में लोकप्रिय हैं कि वे किसी भी सोशल आयोजन में जरूर शिरकत करते हैं। अपने निर्वाचन क्षेत्र से भी उनका सीधा संवाद बना रहता है।

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