अररिया : सीमांचल में तो नहीं लग गयी जाली नोट छापने की मशीन! फारबिसगंज के कुशमाहा पंचायत के पूर्व मुखिया के पास से बरामद केमिकल इस आशंका को बल दे रहे हैं। एसपी शिवदीप लांडे ने भी इस संभावना से इंकार नहीं किया है।
गौरतलब हो कि तीन मई को उक्त पंचायत के पूर्व मुखिया के पास से पुलिस ने 75 सौ के जाली नोट व हथियारों के अलावा आठ शीशी बरामद किये थे। इसमें चमकीले बुरादे भरे थे। मेड इन अमेरिका लिखे इन शीशियों की हकीकत फिलहाल अंधेरे में है। लेकिन ऐसी आशंका है कि भारतीय करेंसी बनाने में प्रयुक्त चमकीले भाग के निर्माण में इसका उपयोग हो सकता है। एसपी श्री लांडे ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। बीते साल पटना में जाली नोट छापने की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में पुलिस को ऐसी आशंका है कि सीमांचल व इसके आसपास जाली नोट छापाखाना लगाया गया है अथवा लगाने की तैयारी धंधेबाज कर चुके हैं। इसी साल पूर्णिया में पांच लाख रुपये के जाली नोट के साथ दो युवकों को डगरूआ थाने के बरसौनी में पुलिस ने दबोचा। पुलिस जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि जाली नोटों का यह कारोबार पश्चिम बंगाल के कलियागंज से संचालित हो रहा है। पुलिस को जाली नोट के कारोबार से जुड़े बड़े लोगों के फोन नंबर भी मिले थे। सीमांचल के इलाके में जाली नोट तस्करों की बढ़ी गतिविधियां भी इस ओर इशारा कर रही है। अकेले अररिया में बीते एक दशक में जाली नोट के डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हो चुके हैं।
थाने में बैठता था अशफाक
अररिया : जाली नोट व हथियारों के साथ पकड़ा गया अशफाक आलम अक्सर थाने आया करता था। कभी पंचायत के लोगों की पैरवी तो कभी किसी अन्य बहाने वो अक्सर थाने के चक्कर काटता था।
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