Monday, May 7, 2012

एक वर्ष बाद भी नहीं खुला राजस्व कर्मचारी की मौत का राज

अररिया : बालू चौक पर संदेहास्पद स्थिति में मृत पाये गए राजस्व कर्मचारी की मौत का रहस्य आज तक पुलिस नहीं सुलझा पायी है। घपले-घोटाले के आरोपियों को पकड़ कर पुलिस भले ही अपनी पीठ थपथपा लेती हो लेकिन मौत के रहस्य उजागर करने में काफी पीछे है। खासकर वैसे व्यक्ति की मौत का खुलासा करने में काफी पीछे रह जाती है। शायद यही कारण भी है कि अररिया में हत्या का औसत दर काफी अधिक है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक जनवरी माह से अब तक विभिन्न मामलों डेढ़ दर्जन लोगों की हत्या कर दी गयी। पारिवारिक विवाद हो या फिर दहेज हत्या ऐसे मामलों में पीड़ित नामजद अभियुक्त बनाते हैं। नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर पुलिस अपने कर्तव्यों को इतिश्री समक्ष लेती है। लेकिन जिन मामलों में नामजद अभियुक्त नही बनाये जाते है या फिर कोई संवेदनशील मामला हो उसमें पुलिस विभागीय पचड़े में फंस जाती है। हाल ही में एडीजे आवाज पर होमगार्ड जवान सुरेश साह की मौत का रहस्य नही खुल पाया है। जोकीहाट अंचल में पदास्थापित राजस्व कर्मचारी रविन्द्र प्रसाद सिंहा की मौत के एक वर्ष बीत गए लेकिन लोग आज तक नही जान पाये कि उनकी हत्या किसने कर दी। मौत के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म था कि कहीं माफिया तत्वों के फेर में उनकी जान तो नही गयी या फिर उनके ही ने किसी साजिश को अंजाम दिया था। ऐसे सवाल आज भी अनुत्तरित है। इस संबंध में अराजपत्रित कर्मचारी संघ ने भी कई बार बैठक आयोजित कर पुलिस प्रशासन पर मौत का रहस्य उजागर करने के लिए दवाब बनाया। यहां तक कि सरकारी कार्यो को बाधित करने की भी धमकी दी। उच्चाधिकारियों के आश्वासन के बाद कर्मचारी संघ कार्य बाधित करने की धमकी को वापस भी लिया। बावजूद पीडि़त परिवार को आज तक न्याय नही मिल पायी। इस मामले में पुलिस एक सप्ताह तक इधर-उधर हाथ मारने के बाद बिसरा जांच का सहारा लिया। बिसरा जांच रिपोर्ट आयी या नही यह बताने के लिए कोई सक्षम नही है।

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