Monday, May 7, 2012

ग्रामीण सड़कों पर बढ़ा यातायात का बोझ


अररिया : ग्रामीण सड़कों के निर्माण के बाद जिले में आटोमोबाइल वाहनों की संख्या में बड़ी तेजी के साथ इजाफा हुआ है। इसके साथ गांवों में सड़क हादसे भी बढ़े हैं। विगत साल ग्रामीण इलाकों में सौ से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 20 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लागू होने के बाद से अररिया जिले में बड़ी संख्या में ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ व हो रहा है। सड़क निर्माण ने ग्रामीण आबादी के सामने रोजगार के कई नये आयाम खोले हैं। युवाओं का एक बड़ा तबका आटोमोबाइल के कारोबार से जुड़ गया है।
जानकारों की मानें तो विगत दस साल में इस जिले में टेम्पों, मैजिक, सवारी, कमांडर व स्पेसियो जैसे लगभग तीन हजार छोटे वाहन सड़कों पर आ गये हैं। गांवों के छोटे-छोटे बाजारों तक माल ढुलाई का काम अब पिक अप वाहन व माल वाहक तीन पहियों से होता है। इन सभी में ग्रामीण युवा नियोजित हुए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि गांवों में यातायात क्रांति का दौर शुरू हो गया है।
लेकिन इस क्रांति के साथ कुछ बुराईयां भी आयी हैं। दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं, ग्रामीण सड़कों के निर्माण में जिस भार वहन क्षमता का प्रावधान किया गया उससे कहीं अधिक भार के वाहन उन पर चल रहे हैं। इसका भी अब असर दिखाने लगा है। बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही व रखरखाव की कमी के कारण सड़कें टूटने लगी हैं। उनकी मरम्मत भी नहीं हो रही है।
सड़कों के टूटने की वजह से गांवों तक आवागमन अब सुगम नहीं रहा।
एबीएम सिकटी रोड में पुलों के कारण यातायात बंद है, इसके चलते भारी वाहनों का आना जाना ताराबाड़ी बेंगा पथ से होता है। इसका नकारात्मक असर सड़क पर पड़ा है और यह कई जगह डैमेज हो गयी है। दर्जनों अन्य सड़कें भी लगातार जर्जर बनती जा रही हैं। इन्हें अगर शीघ्र ठीक नहीं किया गया तो सड़कों के अस्थि पंजर के सिवा कुछ नहीं नजर आयेगा। रामपुर मुसहरी चौक से पैक्टोला, पटेगना से बीड़ी भोजपुर, कुर्साकाटा से कपरफोड़ा, कुआड़ी से गरैया लैलोखर, हत्ता चौक से सुंदरी मंठ, कुसियारगांव बेल चौक से पैक्टोला, ताराबाड़ी से बेंगा, पलासी से सोहंदर, बैरियर चौक बेलवा पुल से मजगामा सहित तकरीबन तीन दर्जन सड़कें ऐसी हैं, जो कई जगह टूट चुकी हैं। अन्य सड़कों की हालत भी ठीक नहीं।
सड़कों की हालत बिगड़ने से जहां ग्रामीण संपर्किता का सपना ध्वस्त हो रहा है, वहीं, सड़क हादसे भी लगातार बढ़ रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि विगत एक साल में सौ से अधिक सड़क हादसे हुए, जिनमें बीस लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।

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