अररिया : न सरकारी नौकरी, न जमीन जगह और न ही कोई खास व्यवसाय, फिर भी पांच वर्ष में हो गये करोड़ों के मालिक। है न अजीब! लेकिन अररिया में यह बात भी अब पुरानी हो गयी। हाल के वर्षो में घपले, घोटाले के लिये चर्चित हुये अररिया में कई ऐसे चेहरे नजर आने लगे हैं जो फर्जी दस्तावेज का फर्जीवाड़ा कर कम हीं दिनों में करोड़ों के मालिक हो गये।
अररिया के एसपी शिवदीप लांडे ने बताया कि गिरफ्तार दलाल मंटू भगत भी ऐसे लोगों में से हैं। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार बैंक अधिकारी शंभूनाथ ठाकुर ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया था कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर गरीब किसानों के नाम ऋण की स्वीकृति दी जाती थी। फिर उस राशि की बंदर बांट कर ली जाती थी। इस कार्य में कई बैंक कर्मियों को भी पैसे के बल पर विश्वास में लेना पड़ता था। थाना कांड संख्या 5/12 में बैंक कर्मी मुकेश रंजन वर्मा को आरोपी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि बैंक कर्मी श्री वर्मा के सहयोग से हीं मंटू नामक दलाल ने कई लोगों के नाम पर ऋण स्वीकृति करवा कर राशि हड़प ली। इस तरह के कई और मामले उजागर होने की संभावना है। एसपी ने बताया कि अररिया के परमान नदी किनारे के मुहल्ले में एवं शिवपूरी में भूदान टोला के समीप लाखों की लागत का आलीशान मकान खड़ा किया है। मंटू द्वारा एक एनजीओ को संचालित किया जा रहा है। यह विकलांगों के लिए काम करता है। इस दौरान एनजीओ द्वारा कोई कार्य भी नही किया गया है। फिर इतनी बड़ी रकम और इतने कम दिन में खर्च करना निश्चय हीं फर्जीवाड़ा की ओर इंगित करता है। एसपी ने बताया कि मंटू के स्वीकारोक्ति बयान में खुलासा हुआ कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर ऋण स्वीकृत कराने में कुद्दुस नामक व्यक्ति भी बराबर का भागीदार है। कुद्दुस के ही इशारे पर मंटू कागजात तैयार कराता था।
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