अररिया : एसपी के सामने बुधवार को एक बुजुर्ग व्यक्ति ने भैंस की एक टांग के लिए अपने अधिकार की गुहार लगायी। इसे सुन कर एसपी भी चौंक गये। लेकिन जब एसपी ने जाना कि टांग से अर्थ फरियादी का भैंस के मूल्य में हिस्सा से है तो उन्होंने तुरंत उसके निदान का आदेश दिया। वहीं, इस मौके पर अपनी अपनी फरियाद लेकर दूर दूर से आयी ग्रामीण महिलाओं की कतार भी दिखी।
दोपहर बाद एसपी शिवदीप लांडे के सामने अपनी अलग अलग फरियाद लेकर तीन दर्जन से अधिक फरियादी पहुंचे। इसमें तीन चौथाई संख्या महिलाओं की थी। भूमि विवाद से पीड़ित एक महिला एसपी को आवेदन देते ही रोने लगी। इस पर श्री लांडे ने कहा कि आप पहले अपनी बात कहिये, रोइये मत। मैं किसी के आंसू नहीं देखना चाहता। वहीं, फारबिसगंज से आयी एक महिला ने तीन साल से गुम अपने लड़के की बरामदगी की फरियाद की। एसपी ने थाने को टेलीफोन पर ही एफआइआर दर्ज करने व कार्रवाई करने को ले जरूरी टिप्स दिये।
जोगबनी से आयी एक अन्य महिला ने पति व उनके परिजनों द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ना की शिकायत की। इस मामले में भी उचित कार्रवाई की गयी।
लेकिन फरियादियों की भीड़ में आये एक बुजुर्ग की फरियाद ने एसपी को चौंका दिया। आरएस ओपी अंतर्गत हृदयपुर के कीरतु मंडल ने एसपी को कहा कि हुजुर, गैयारी गांव का जहीरुद्दीन मुझे भैंस की एक टांग नहीं दे रहा। जबकि हमारा उस पर हक बनता है। इस पर एसपी चौंके तथा मौके पर मौजूद एसडीपीओ कासिम से इस बाबत पूछा। दर असल कीरतु मंडल ने भैंस के एक बच्चे को बचपन से ही पाल पोस कर बड़ा किया था। सामाजिक नियम के अनुसार उसे इस एवज में भैंस की कुल कीमत का एक चौथाई मिलना चाहिये था। लेकिन कीरतु मंडल के अनुसार भैंस का मालिक उससे पूरी भैंस छु़ड़ा कर ले गया। जबकि भैंस प्रति शाम तीन किलो दूध भी दे रही थी। इस मामले में भी कार्रवाई के आदेश हुए। लेकिन, इस अवसर पर महिलाओं व बच्चों की भीड़ देख कर यही लगा कि अधिकतर लोग अपनी फरियाद के साथ महिलाओं को आगे कर इमोशनल इनपुट अधिक जोड़ना चाहते हैं। ताकि भावनाओं के दरिया में उन्हें त्वरित एक्शन मिल सके। ऐसी ही एक महिला से एसपी ने पूछा कि आप के पति कहां हैं? जवाब मिला कि वे नीचे एक दुकान में चाय पी रहे हैं।
बहरहाल, फरियाद लेकर आये लोगों की बात सुनी गयी और लगभग सभी मामलों में मौके पर कार्रवाई भी हुई।
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