कुर्साकांटा (अररिया) : अपने पति के दीर्घायु की कामना को लेकर वट सावित्री पर्व रविवार को प्रखंड क्षेत्र के महिलाओं द्वारा श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस पर्व में विवाहित महिलाएं उपवास रखकर स्नान पूजा पाठ कर डाली सजाकर वट के वृक्ष की पूजा करती है। झुंड में महिलाएं वट वृक्ष को पिला धागा लपेटकर अपने पति की आयु वह वृक्ष की तरह हो यही कामना करती है। भारतीय संस्कृति में आदि काल से पतिवर्ता नारियां अपने पति को परमेश्वर के रूप में मानती आ रही है। इस अवसर पर सतवान और सावित्री की कथाएं सुनाती है महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सदा सुहागिन रहने का आर्शीवाद देती है।
Monday, May 21, 2012
श्रद्धापूर्वक मनाया गया वट सावित्री पर्व
कुर्साकांटा (अररिया) : अपने पति के दीर्घायु की कामना को लेकर वट सावित्री पर्व रविवार को प्रखंड क्षेत्र के महिलाओं द्वारा श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस पर्व में विवाहित महिलाएं उपवास रखकर स्नान पूजा पाठ कर डाली सजाकर वट के वृक्ष की पूजा करती है। झुंड में महिलाएं वट वृक्ष को पिला धागा लपेटकर अपने पति की आयु वह वृक्ष की तरह हो यही कामना करती है। भारतीय संस्कृति में आदि काल से पतिवर्ता नारियां अपने पति को परमेश्वर के रूप में मानती आ रही है। इस अवसर पर सतवान और सावित्री की कथाएं सुनाती है महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सदा सुहागिन रहने का आर्शीवाद देती है।
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