जोगबनी (अररिया) : नेपाल में अपने हक व अधिकार को संविधान में शामिल करने की मांग तेज होने लगी है। अपने मांगों के समर्थन में राष्ट्रीय मुस्लिम गठबंधन सड़कों पर उतरते हुए आज 12वें दिन रविवार को भी आवागमन एवं प्रमुख प्रतिष्ठानों को बंद रखा। इधर बंद से आम जन-जीवन जहां अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार सी लग गयी है। इस संबंध में राष्ट्रीय मुस्लिम गठबंधन के सह संयोजक इमामुल हक ने बताया कि नेपाल में आज तक मुस्लिम समुदाय की न कोई पहचान है और न ही उच्च पदों में भर्ती यहां तक की मुस्लिम समुदाय का निर्माण हो रहे संविधान तक में जिक्र नहीं है। जबकि नेपाल में प्रजातंत्र की बहाली में हुए जनआंदोलन से अब तक 13 मुस्लिम भाई शहीद हो चुके हैं फिर भी सरकार हमें नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक हम लोगों के मांगों को संविधान में शामिल नहीं किया जाता है आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन को और धारदार बनाने हेतु 23 मई को विशाल आम सभा बुलाई गई है। तत्पश्चात आंदोलन को और उग्र किया जायेगा। इस मौके पर मो. मसूद अजहर, रिवाज अहमद, एमडी जहांगीर, अली हसन, इक्रामुल हक एवं अफरोज सहित दर्जनों कार्यकर्ता बंद कराने उपस्थित थे।
Monday, May 21, 2012
बारहवें दिन नेपाल बंद, जन-जीवन अस्त-व्यस्त
जोगबनी (अररिया) : नेपाल में अपने हक व अधिकार को संविधान में शामिल करने की मांग तेज होने लगी है। अपने मांगों के समर्थन में राष्ट्रीय मुस्लिम गठबंधन सड़कों पर उतरते हुए आज 12वें दिन रविवार को भी आवागमन एवं प्रमुख प्रतिष्ठानों को बंद रखा। इधर बंद से आम जन-जीवन जहां अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार सी लग गयी है। इस संबंध में राष्ट्रीय मुस्लिम गठबंधन के सह संयोजक इमामुल हक ने बताया कि नेपाल में आज तक मुस्लिम समुदाय की न कोई पहचान है और न ही उच्च पदों में भर्ती यहां तक की मुस्लिम समुदाय का निर्माण हो रहे संविधान तक में जिक्र नहीं है। जबकि नेपाल में प्रजातंत्र की बहाली में हुए जनआंदोलन से अब तक 13 मुस्लिम भाई शहीद हो चुके हैं फिर भी सरकार हमें नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि जब तक हम लोगों के मांगों को संविधान में शामिल नहीं किया जाता है आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन को और धारदार बनाने हेतु 23 मई को विशाल आम सभा बुलाई गई है। तत्पश्चात आंदोलन को और उग्र किया जायेगा। इस मौके पर मो. मसूद अजहर, रिवाज अहमद, एमडी जहांगीर, अली हसन, इक्रामुल हक एवं अफरोज सहित दर्जनों कार्यकर्ता बंद कराने उपस्थित थे।
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