Wednesday, May 23, 2012

बकरा के कटान से बचाने की मांग

जोकीहाट (अररिया) : प्रखंडक्षेत्र होकर बहने वाली बकरा नदी के कटान से हर वर्ष मटियारी गांव के दर्जनों लोग बेघर हो जाते हैं सैकड़ो किसान खेती योग्य जमीन के कट जाने से जहां मजदूरी के लिए पलायन कर रहे हैं वहीं अब गांव के बच्चों की मी पढ़ाई लिखाई कहीं बाधित न हो जाए ग्रामीण इससे चिंतित हैं। क्योंकि गांव में स्थित एकमात्र मध्य विद्यालय कटान के कगार पर है। करीब दो वर्ष पूर्व ही लाखों की लागत से विद्यालय भवन बना है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर विद्यालय भवन कट गया तो बच्चे आठवीं क्लास तक की पढ़ाई से वंचित हो जाएगें। इस सिलसिले में मटियारी पंचायत समिति सदस्य मो सलाउद्दीन एवं पूर्व उपप्रमुरव मो वाजुद्दीन व ग्रामीण हबीब ,जाहिद राही सहित सैकड़ों लोगों ने हस्ताक्षरित आवेदन बीडीओ मो. सिकन्दर को देकर कटान से गांव को बचाने के लिए चिरान एवं अन्य व्यवस्था की मांग की है। आवेदन के अनुसार मनरेगा योजनान्तर्गत चिरान के लिए अभिकर्ता के नाम से 25000 की राशि निर्गत होने के बाद भी कार्य नही होने से लोगों क े मन में डर है कि इस बार चिरान नहीं हुआ तो बरसात के दिनों में विद्यालय भवन को कटान से बचाना मुश्किल होगा। इतना ही नही प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी दर्जनों लोग कटान से बेघर हो जाएंगे। ज्ञात हो कि इससे पूर्व गांव में स्थित उपस्वास्थ केन्द्र ,जामा मस्जिद, मटियारी हाट आदि कट चुके हैं । ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के दिनों में कटान रोकने के लिए जल नि:स्सरण विभाग की ओर से सेंड फिलिंग कर बोरा नदी के किनारे लगा कर खानापूर्ति कर ली जाती है जबकि इससे कटान नहीं रुकता है ,हां सरकारी राशि को चूना अवश्य लग जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि चिरान कर नदी की तेज धारा क ो दूसरी ओर मोड़कर कटान से बचाया जा सकता है। मटियारी की मुरिवया अनवरी रवातून, नजीबुर्रहमान,वसीम अंसारी आदि लोगों का कहना है कि कनकई नदी में केसर्रा एवं बारा इस्तबरार गांव के निकट जिस तरह पारकोपाइन विधि से कटान रोकने की व्यवस्था की जा रही है उसी तरह यहां भी पारकोपाइन बांध बनाकर कटान को रोका जा सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि जल्द अगर कटान नहीं रोका गया तो हजारों की आबादी वाला मटियारी गाव का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। ग्रामीणों ने बीडीओ के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व जिला पदाधिकारी एम सरवणन से जल्द कटान से रोकथाम के लिए उपाय किये जाने की मांग की है।

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