Tuesday, May 29, 2012

पश्चिम की राह चलने लगे सरकारी बाबू


अररिया : जिले में काली कमाई कर चुके सरकारी बाबू अब पश्चिम की राह चल रहे हैं। दरअसल घपलों में फंसे विभिन्न ऐसे बाबू प्राइवेट फर्मो में काम की तलाश कर रहे हैं अथवा काम कर रहे हैं। हालांकि घोटाले में संलिप्त ऐसे बाबू के सिर पर जहां प्रशासन की नंगी तलवार लटक रही है। वहीं अदालत में इनके खिलाफ आर्थिक अपराध के मामले भी चल रहे हैं।
जिले के करीब दर्जन भर इन सरकारी बाबूओं के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के मामले न्यायालय में चल रहे हैं। इन लोगों के विरुद्ध डेहटी पैक्स के माध्यम करोड़ों राशि के घपले, इंदिरा आवास व अन्य सरकारी योजना मद में व्याप्त लूट सहित वित्तीय संस्थानों से हुए गबन आदि आरोप हैं। अदालत के अंतिम परिणाम आने के पूर्व होशियार हो गये हैं। गबन के कई आरोपियों ने प्राइवेट कंपनी की कुर्सी थाम ली है। ये वैसे शख्स हैं जो बर्खास्त हैं या निलंबित अथवा विभागीय कार्रवाई की जद में हैं। सूत्रों की माने तो इन बाबूओं का कभी जिला मुख्यालय समेत पलासी, सिकटी, जोकीहाट, भरगामा आदि जगहों पर आधिपत्य था। ये लोग प्रखंड से लेकर जिले तक के बड़े कुर्सी धारक रह चुके हैं। काली कमाई से मलाई खाने वाले इन बाबुओं ने पटना, दिल्ली, मुंबई, पूना आदि स्थानों का ठिकाना बना लिया है। अब रोटी के लाले पड़ने का भय के कारण प्राइवेट कंपनी में भी कर ली है। ऐसे बाबू कभी कगार अदालत प्रागंण में भी देखे जा सकते हैं। अपने उपर लंबित मामलों की जारी कार्रवाई समेत तारीखों पर नजर टिकाये है। इन सरकारी बाबू में एक शख्स की सुनिए 'शरीर में दम है तो काम मिलेगा हीं। एबिलिटी के बल पर हर जगह काम ही काम है। अब सरकारी कुर्सी से लोगों का मोह भंग गया है।'

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