Friday, June 1, 2012

फारबिसगंज गोलीकांड: बदली नहीं भजनपुर गांव की तकदीर


फारबिसगंज (अररिया) : बहुचर्चित फारबिसगंज गोली कांड को एक वर्ष पूरा हो गया है। लेकिन गोलीकांड में चार मौतों के बाद भी भजनपुर गांव में आज भी कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। गांव में अब भी वहीं टूटी फूटी पुरानी ईट सोलिंग सड़कें हैं। गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा के दलदल में फंसे भजनपुर गांव की स्थिति में कोई सुधार नही दिख रहा है। गोलीकांड की घटना के बाद सरकार ने भजनपुर गांव को प्राथमिकता के तौर पर आदर्श गांव में तब्दील करने की बात कही थी परंतु विकास तो दूर स्थानीय सांसद विधायक से लेकर सरकार का कोई मंत्री अब तक पीड़ित भजनपुर गांव के ग्रामीणों पर मरहम लगाने यहां कदम तक नहीं रखा। इस बात का ग्रामीणों को मलाल भी है और आक्रोश भी।
गौरतलब है कि तीन जून 2011 को दोपहर बाद ग्रामीणों और पुलिस के बीच स्टार्च फैक्ट्री परिसर में हिंसक झड़प हो गई थी। जिसमें पुलिस फायरिंग में आठ माह का एक बच्चा, एक महिला सहित भजनपुर के चार लोग मारे गये थे। बियाडा की जमीन पर निर्माणाधीन स्टार्च फैक्ट्री के बीचोबीच स्थित वर्षो पुरानी सड़क को बंद कर दिवाल दिए जाने का ग्रामीण विरोध करते आ रहे थे। गांव में आज भी मौत को जाने दूर नहीं हुआ है। प्रशासन ने कुछ समय पहले इंदिरा आवास, पेंशन योजना सहित सड़क निर्माण के लिए पहल किया था लेकिन इस पहल का पूरा और समुचित लाभ भजनपुर के ग्रामीणों तथा पीड़ितों को नहीं मिल सका है। गांव के बच्चे आज भी शिक्षा से दूर हैं। मजदूरी के अलावा ग्रामीणों के सामने रोजगार के कोई विकल्प मौजूद नही है। गोलीकांड में मृतक साजमीन के पति फारूख अंसारी कहते हैं कि गांव में सरकार के मुखिया अथवा मंत्री, स्थानीय सांसद, विधायक झांकने तक नहीं आये। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अररिया जिले के सटे जिलों में दौरा कर रहे हैं लेकिन अररिया या भजनपुर गांव हम पीड़ितों से मिलने क्यों नही आ रहे हैं? ग्रामीण इलियास हुसैन कहते हैं कि सरकार ने भजनपुर वालों से छल किया है। चार जान गंवाकर हम सड़क भी गंवाना नही चाहते हैं।
बहरहाल, गोलीकांड को एक वर्ष पूरा होने पर स्टार्च फैक्ट्री का निर्माण कार्य भी ठप पड़ा हुआ है। फैक्ट्री का भविष्य अंधकारमय है। करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं।

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