अररिया : रेणु ने अपने उपन्यास का नाम मैला आंचल यूं ही नहीं रखा होगा। मच्छर, मेला, मलेरिया, मछली और मौनी 'बाबाओं' का इलाका। बीमारी और लाचारी से त्रस्त क्षेत्र। स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं से ग्रस्त आम जन, यानी भ्रष्ट तांत्रिकों के फलने-फूलने की समृद्ध पृष्ठभूमि। बुधवार को नरपतगंज में भोलेभाले लोगों को ठगने वाले तांत्रिक की गिरफ्तारी से मैला आंचल का सदियों पुराना रोग फिर सामने आया है।
यह बात अलग है कि तंत्र में शक्ति होती है और समाज का बड़ा तबका उसके प्रति आस्थावान भी है। लेकिन यह बात भी सच है कि इस इलाके में ढोंगी तांत्रिक लोगों को स्वास्थ्य लाभ व धन प्राप्त कराने के काले खेल में सदियों से लगे रहे हैं। सत्ता व शासन के तमाम दावों के बावजूद उनका कारोबार आराम से चल रहा है। तांत्रिकों को पंच मकार यानी मत्स्य, मांस, मदिरा, मुद्रा और मैथुन प्रिय होते हैं। कहते हैं कि यह सिद्धि प्राप्त करने का शार्टकट है। लेकिन यह कैसी सिद्धि है कि जो लोगों की जेब काटती है?
कोई हवा से भस्म पैदा कर लोगों को चमत्कृत कर रहा है तो कोई पानी पढ़ कर पिला रहा है कि इससे आपका सारा रोग ठीक हो जायेगा। अगर ऐसे लोग समाज के प्रति आस्था रखते हैं तो रहस्यों के आवरण से क्यों नहीं निकलते?
तांत्रिक को हर केस में काला खस्सी या काला कबूतर या फिर काले रंग का मुर्गा व साथ में दारू की बोतल क्यों चाहिए? इधर, आस्था से विवश और परिस्थितियों से लाचार लोग तांत्रिक के जाल में फंसकर इसकी व्यवस्था भी कर देते हैं, यह जाने बिना कि इससे वे अपनी ही तबाही का सामान पैदा कर रहे हैं।
जानकारों की मानें तो ढोंगी तांत्रिकों की दुकानदारी के पीछे सरकारी तंत्र की विफलता प्रमुख कारण है। क्लाइमेटिक कंडीशन के कारण इस क्षेत्र में रोग प्रसार अधिक है। बीमारियों से परेशान आम जन जब किसी अस्पताल में जाता है तो डाक्टर उसका इलाज करने की बजाय उसे या तो रेफर कर देते हैं या फिर निजी क्लिनिक में आने को कहते हैं। इससे परेशान लोग आराम से भ्रष्ट बाबाओं के जाल में फंस जाते हैं। बाबा किसी इलाके में जाते ही वहां के लोगों की समस्या को कैच कर लेता है। शुरू में उन्हें हल्के-फुल्के खर्च से चमत्कृत किया जाता है और ठीक वक्त पर उनका आर्थिक दोहन शुरू हो जाता है।
नरपतगंज में धराया ढोंगी तांत्रिक लोगों से लाखों रुपये ठग चुका था। इससे पहले उसने नेपाल के सुदूर इलाके में भी जनता की जेब काटी थी। वह ऐसे ही इलाकों में जाता था जहां कम्यूनिकेशन की सुविधा कम होती थी।
इससे पहले भी इस जिले में ढोंगी बाबाओं के पाखंड सामने आ चुके हैं। साल भर पहले शहर के राय टोला मुहल्ले में एक मृत बच्ची को कब्र से बाहर कर उसे जिलाने की कोशिश की गयी। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला नियंत्रण में आया। आप किसी भी गांव में चले जाइए, महिला पर से भूत उतारने वाले व बीमारी झाड़ने वाले सैकड़ों लोग मिल जायेंगे।
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आस्था की दुकानदारी बर्दास्त नहीं: एसपी
फोटो-31 एआरआर 10
कैप्शन-शिवदीप लांडे
अररिया, जाप्र: आस्था के नाम पर लोगों को ठगना अपराध है। पुलिस इसे कभी बर्दास्त नहीं करेगी। यह कहना है पुलिस अधीक्षक शिवदीप लांडे का।
उन्होंने कहा कि ढोंगी बाबा व भ्रष्ट तांत्रिकों से जनता की धार्मिक आस्था तथा इलाके में व्याप्त परिस्थितियों का नाजायज फायदा उठा रहे हैं। इसके पीछे आम जन के बीच जागरूकता की कमी प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि बुधवार को नरपतगंज में भ्रष्ट बाबा की गिरफ्तारी एसपी स्तर का मामला नहीं था, लेकिन मैं सिर्फ इसलिए गया कि लोगों को जागरूक कर सकूं।
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