Friday, June 8, 2012

चैनपुर मसुरिया पंचायत में बीस लाख का घोटाला?

जोकीहाट (अररिया) : प्ररवंड के चैनपुर मसुरिया पंचायत के पूर्व मुखिया सादिक आलम के कार्यकाल में बीडीओ मो. सिकंदर द्वारा कराए गये जांच में करीब बीस लाख से अधिक की राशि स्थल पर कार्य के बगैर ही उठाव कर बंदरबांट कर लिया गया। मामला प्रकाश में तब आया जब वर्तमान मुखिया महबूब आलम ने जब दो पंचायत शिक्षक ों में सदन लाल मांझी एवं शाहिद रजा का वेतन रोका। वेतन रोकने की बात वर्तमान मुखिया से जब वरीय उपसमाहर्ता बुधप्रकाश ने पूछा तो जांच के क्रम में सारा घोटालों से पर्दा उठ गया। मामले की जांच बीडीओ मो. सिकंदर ने भी अपने स्तर से की है। इस सिलसिले में बीडीओ श्री सिकंदर एवं प्रधान सहायक रणवीर पासवान ने बताया कि पंचायत बीआरजीएफ योजना संख्या 01/10-11 में अभिकर्ता सदनलाल मांझी ने चापाकल के नाम पर दस लाख बत्तीस हजार की निकासी कर राशि बंदरबांट कर ली। जबकि वार्षिक कार्ययोजना में उक्त योजना न तो शामिल है और न ही अभिलेख पर पंचायत सचिव का हस्ताक्षर है। वहीं तेरहवीं वित्त योजनान्तर्गत योजना संख्या 01/10-11 पंचायत भवन मरम्मत कार्य में एक लाख 82 हजार की निकासी पंचायत शिक्षक शाहिद रजा द्वारा कर ली गई। इतना ही नही पंचायत एकादश योजनान्तर्गत योजना संख्या 02/06-07 में चैनपुर मसुरिया मदरसा इस्लामिया का दो कमरे का अधुरा भवन के ढलाई एवं मरम्मत के लिए तत्कालीन दो पंचायत सचिवों रैसुल हक के नाम दो लाख 25 हजार एवं बलराम प्रसाद के नाम 99 हजार की राशि के गबन का मामला भी प्रकाश में आया है। बीडीओ मो. सिकंदर ने मदरसा ढलाई कार्य में इसी वर्ष विधायक मद से भी राशि निकासी की आशंका व्यक्त की है। इसकी जांच चल रही हैं। बीडीओ ने ताज्जुब व्यक्त करते हुए बताया कि पंचायत शिक्षकों को अभिकर्ता बनना नियम के खिलाफ है फिर भी ये अभिकर्ता कैसे बने ये भी जांच का विषय है।

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