अररिया : बिहार के मध्य पूर्व एवं उत्तरी क्षेत्रों में भारतीय अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने के लिए जाली नोटों के कारोबारी मुंगेर में बैठा हुआ है। इस बात का खुलासा अररिया में पकड़ाए तीन युवक से पूछताछ के बाद हुई है। पूछताछ के क्रम में युवकों ने खुलासा किया है कि मुंगेर में किसी अरुण यादव नामक व्यक्ति से जुड़े तीन लोग जाली नोट की छपाई करते हैं। जिसमें एक हजार, पांच सौ, एक सौ एवं पचास के नौ शामिल हैं। पूछताछ के बाद एसपी शिवदीप लांडे ने बताया कि जाली नोटों के सौदागर तीन स्टेज पर काम कर रहा है। पहला स्टेज में छपाई से लेकर बंडल तैयार करने तक होता है। दूसरा स्टेज में मुख्य सौदागर क्षेत्र स्तर पर एक वेंडर तैयार करते हैं। फिर वेंडर ग्राउंड लेबल पर अपना नेटवर्क तैयार करते हैं। ग्राउंड लेवल पर तैयार नेटवर्क के माध्यम से जाली नोट खपाया जाता है। एसपी ने बताया कि अररिया से गिरफ्तार हुए रंजीत यादव दूसरे स्टेज का सौदागर है। जो पलासी, जोकीहाट के अलावे पड़ोसी देश नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी जाली नोट को खपाने का काम करते है। एसपी ने बताया कि गिरोह से जुड़े नौशाद आलम एवं नित्यानंद यादव ग्राउंड लेवल पर फैले नेटवर्क का कमान संभालकर रखा है। इन्हीं के माध्यम से बड़े-बड़े शहरों में भी जाली नोटों के खेप पहुंचाये जाते है। एसपी ने बताया कि नौशाद आलम के घर 50-50 हजार के दो बंडल बरामद किए गए है। जिसमें 5-5 हजार रुपये के जाली नोट पाये गए हैं। संभवत: सौदागर जाली नोटों को कुछ इसी तरह बैंकों तक पहुंचाने का काम करते हैं। एसपी ने बताया कि इस बात से इंकार नही किया जा सकता है कि इस कार्य में बैंक कर्मियों की मिलीभगत नही हो सकती है। एसपी ने बताया कि कदम कुंआ रोड पटना एवं मार्केटिंग यार्ड अररिया स्थित स्टेट बैंक के सील मूहर के बंडल में 20 नोट, 4 एस सी ग्रुप के पाये गये। जो पूर्णत: जाली है। उन्होंने बताया कि जांच का एक बिंदु संबंधित बैंक को भी शामिल किया जा सकता है। एसपी ने बताया कि जाली नोट की छपाई मुंगेर में होती है, इसकी पूर्व सूचना उन्हें थी। चूंकि मुंगेर में पदस्थापना क दौरान भी गुप्त सूचना के आधार पर उन्होंने छापेमारी अभियान चलाया था। लेकिन सौदागर भागने में सफल रहा था। एसपी ने बताया कि जल्द ही मुंगेर पुलिस से संपर्क साधकर खुलासा किए गए सरगना तक पहुंचने का प्रयास किया जायेगा।
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