अररिया : तपते सूरज की गर्मी से अब नहीं सूखेंगे अररिया के खेत, अपितु सूरज की गर्मी ही खेतों में खड़ी फसल की जिंदगी का आधार बनेगी। जिले के खेतों को अब सौर ऊर्जा चालित पंपों से सींचा जायेगा। अररिया सहित कोसी-सीमांचल के पांच जिलों में सौर पंपों के प्रयोग के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत की जायेगी।
ऊर्जा मंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने गुरुवार को बताया कि सीमांचल की फिजां पर सूर्य देव की बड़ी कृपा है। यहां इतनी सौर ऊर्जा उपलब्ध है कि कम से कम 15 हजार मेगावाट बिजली आराम से हासिल की जा सकती है। इस संबंध में प्रापर सर्वे के बाद सरकार ने अररिया, सुपौल, मधेपुरा व किशनगंज जिलों में सोलर पंपों की शुरूआत करने का निर्णय लिया है।
मंत्री ने बताया कि एक सोलर पंप पर कुल तीन लाख रुपयों की लागत आती है, लेकिन इसके लिए किसानों को केवल तीस हजार ही देने होंगे। शेष पैसा सरकार अनुदान के रूप में उपलब्ध करायेगी।
उन्होंने सीमांचल की नदियों में 25 स्थानों पर स्माल हाइडेल प्रोजेक्ट लगाने के बारे में भी बताया। मंत्री ने कहा कि बिहार हाइडेल पावर कारपोरेशन के तहत यहां की परमान, बकरा, मेची, कनकई, रतवा आदि नदियों में चार से सात मीटर तक प्रपात (फाल) वाले 25 स्थानों का सर्वेक्षण किया गया है, जहां पन बिजली का उत्पादन किया जायेगा। इनमें से बथनाहा में आठ मेगावाट क्षमता वाली यूनिट की स्थापना का कार्य चल रहा है। जबकि अन्य स्थानों के लिए डीपीआर बनाने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कोसी नदी से भी 200 मेगावाट विद्युत उत्पादन के बारे में बताया।
मौके पर रेणु जी के पुत्र सह फारबिसगंज के विधायक पदम पराग राय वेणु ने श्री यादव को मैला आंचल की प्रति भेंट की। इस अवसर पर सिकटी विधायक आनंदी प्रसाद यादव, नरपतगंज विधायक देवयंती देवी भी उपस्थित थीं।
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