बथनाहा (अररिया) : बथनाहा स्थित एसएसबी 24वीं बटालियन में पदस्थापित जवान ललित मोहन जीना की हत्या मामले पर से अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है। हालांकि मृतक का शव हवाई जहाज से शुक्रवार को उसके गृह जिला उत्तराखंड के अल्मोड़ा भेजा गया है। वहीं एसएसबी के डीआईजी केपी सिंह ने जवान की मौत की विभागीय जांच हेतु एसएसबी 18वीं बटालिन के उप सेनानायक मृगेन्द्र शर्मा तथा बथनाहा के एसएओ सुब्रतो सरकार के नेतृत्व में एक टीम गठित कर की है।
पुलिस भी हर मामले पर नजर रखे हुए है और सुराग की खोज में जुटी हुई है। फिलहाल इस संदर्भ में एसएसबी के सहायक सेनानायक एमसी पंडित के आवेदन पर जोगबनी-बथनाहा कांड 23/2012 दर्ज कर लिया गया है तथा पुलिस मामले के अनुसंधान में जुटी हुयी है। इस मामले में पुलिस ने मृतक के बैरक में रह रहे हवलदार कुंभ राम, लक्ष्मण राम एवं घटनास्थल के सामने किराये के मकान में रह रहे एसएसबी के जवान पति-पत्नी सोनमनी सचिन व केदारी सुरेखा सुरेश सहित करीब एक दर्जन जवानों से पूछताछ कर चुकी है। लेकिन मामले को लेकर कई सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं। आखिर ललित मोहन जीना की क्यों हत्या की गई? आखिर हत्या कहा की गयी? पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मृतक के सिर में गोली मारने की बात उभर कर सामने आयी है। इस बाबत सेनानायक एकेसी सिंह ने बताया कि उक्त जवान को मुख्यालय से बाहर जाने पर मनाही थी तथा वह हत्या के दिन फायरिंग प्रैक्टिस के लिए जाने वाला था मगर नहीं गया। सेनानायक ने बताया कि उसकी छुट्टी भी मंजूर हो चुकी थी और व फायरिंग से लौटकर घर जाने वाला था। मृतक के साथी जवानों के भी वह काफी शांत स्वभाव का था। सिर्फ उसकी एक बुरी आदत थी शराब पीने की।
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