अररिया : सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले सुरक्षा कर्मियों का जर्जर भवन मौत को आमंत्रण दे रहा है। पुलिस लाइन का यह भवन कभी भी कोई बड़ी घटना का गवाह बन सकता है। भवन की दयनीय स्थिति से पुलिस अधीक्षक शिवदीप लांडे ने मुख्यालय को भी सूचित किया है। एसपी ने बताया कि भवन की स्थिति इतनी दयनीय है कि बरसात के दिनों बारिस का पानी कमरे के अंदर आ जाता है। जवानों को सोने की बात तो दूर खड़ा रहना भी मुश्किल हो जाता है। वहीं पुलिस लाइन के कई जवानों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताते है कि सबसे दुरूह स्थिति हथियार भवन की है। छत से पानी के टपकने से हथियार भी भींग जाता है। लगातार साफ सफाई एवं धूप न हीं लगने पर हथियार में जंग की शिकायत भी आने लगती है। ऐसी परिस्थिति में हथियार को सुरक्षित रखना भी मुश्किल होता है।
इधर मार्केटिंग यार्ड की दशकों पुरानी इस भवन के मरम्मत का कार्य भी नहीं हो पा रहा है। इसका कारण यह भी है कि मार्केटिंग यार्ड ने भाड़े पर पुलिस जवानों को रहने के लिए उक्त भवन आवंटित तो की गयी लेकिन भाड़े की राशि मुख्यालय उपलब्ध ही नहीं करा पा रही है। ऐसी परिस्थिति में उक्त भवन की मरम्मत की जिम्मेवारी उठाए तो कौन?
वहीं चार वर्ष पूर्व ही हड़ियाबाड़ा मुड़बल्ला के निकट पुलिस भवन निर्माण के लिए जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहित तो की लेकिन दर के फेर में यह मामला आज भी लंबित पड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि जिस जमीन की कीमत 50 से 80 हजार रूपये प्रति डिसमिल है उक्त जमीन का मुआवजा प्रशासन ने 3 हजार रूपये निर्धारित की है। कम दर के कारण जमीन मालिक मुआवजे की राशि ले ही नहीं रहे हैं। इसलिए भवन निर्माण का कार्य भी स्थगित है। प्लाटून ड्रिल के दौरान पुलिस अधीक्षक ने पुलिस लाइन भवन की स्थिति का निरीक्षण किया तो वे भी भौचक्क रह गये। दीवार के उड़ रहे बालू के कण कमरे के चारों ओर बिखरे थे। वहीं छत के कई हिस्सों में सीमेंट, गिट्टी गिरकर नीचे आ रहा था। इस दौरान कई जवानों ने भवन की दयनीय स्थिति पर चर्चा करें।
इस संबंध में एसपी ने बताया कि भवन काफी जर्जर अवस्था में है। जवानों को रहने में परेशानी तो जरूर है लेकिन सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे उनके जवान किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते है।
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