कुर्साकांटा (अररिया) : अररिया जिले से लगने वाली भारत-नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा का नोमेन्स लेंड अतिक्रमण कारियों के कब्जे में है। अधिकारी इसे मुक्त कराने में विफल रहे। सीमा पर लगे पीलरों की हालत भी जर्जर है। 2007 में भारत-नेपाल के संयुक्त दल के द्वारा हुए एक सर्वे के मुताबिक कुर्साकांटा प्रखंड के सीमावर्ती गांव असराहा की ओर नजर डाले तो यहां पूरी सीमा अतिक्रमण कारियों के कब्जे में है।
प्रखंड के असराहा, मधुबनी लैलोखर, डुमरिया भाग पलासी को मिलाकर कुल 241 परिवार सीमापर अवैध रूप से कब्जा कर बसे हुए हैं। सोनामणि गोदाम की ओर भी नजर डाले तो बिल्कुल सीमा के पास ही बसे थाना की हालत ऐसी ही है। इसी प्रकार 24वीं एवं 28वीं बटालियन एसएसबी के सीमा क्षेत्र के अंतर्गत मुरारीपुर में 45, बरमसिया में 74, कुचहा में 37, आमगाछी में 25 परिवारों का अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर नजायज ढंग से लोग बसे हुए हैं। आज स्थिति यह है कि अतिक्रमण ने सीमा को पूरी तरह अस्तित्व हीन बना दिया है और सरकारी तंत्र चैन की नींद में हैं।
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