Monday, April 2, 2012

गरीबों की हकमारी जारी, नहीं रूक रही कालाबाजारी


अररिया : गरीबों की थाली से रोटी की हकमारी करने वाले कालाबाजारियों के कारनामे जिले में थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक माह के अंदर 500 क्विंटल से अधिक अनाज की जब्ती ने फिर से एक बार साबित कर दिया है कि अररिया के लगभग सभी प्रखंडों में काला बाजारियों का कारोबार व्यापक पैमाने पर संचालित हो रहा है।
तीन दिन पूर्व बैरगाछी ओपी क्षेत्र के अररिया बस्ती में 107 क्विंटल अवैध अनाज की जब्ती हुई। सरकारी अनाज का भंडारण करने वाला ओम प्रकाश पोद्दार ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया कि यह अनाज पलासी प्रखंड के जन वितरण प्रणाली के दुकानदार नागेश्वर पंडित एवं नंद लाल पंडित से खरीद की है। आरोपी ने यह भी बताया कि एफसीआई गोदाम से निकलने वाली गरीबों के अनाज कई जगह दुकानें तक भी नही पहुंचते है। जब अनाज दुकान तक नही पहुंचते है तो गरीबों को उनका हक भी कब और कैसे मिलता है ये स्वत: अनुमान लगाया जा सकता है। बैरगाछी पुलिस ने एक माह पूर्व कोशकीपुर में दो लोगों को मध्याह्न भोजन योजना का अनाज खरीदने के आरोप में गिरफ्तार किया था। दोनों खरीददारों के पास स्कूल के प्रधान ने बच्चों का पेट काटकर अनाज की बिक्री कर दी थी। पंद्रह दिन पूर्व हीं गुप्त सूचना के आधार पर एसपी शिवदीप लांडे ने सिसौना की ओर आ रही 360 क्विंटल अवैध सरकारी अनाज जब्त करने में सफलता पायी थी। जब्त अनाज किशनगंज के टेढ़ागाछ से लाया जा रहा था, जब्त अनाज की बोरी में भी भारतीय खाद्य निगम का मार्का अंकित था। इस घटना से पूर्व भी जिले में दर्जनों बार कालाबाजारी का अनाज धराये। दो माह पूर्व ही पैकटोला के निकट पुलिस ने अनाज से लदा एक ट्रैक्टर जब्त की थी। उक्त ट्रैक्टर में भी जन वितरण प्रणाली की दुकानों से खरीद की गयी अनाज थी। सूत्रों की माने तो अररिया अनुमंडल में गरीबों की रोटी छीनकर अवैध कारोबारियों का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। गिरोह के सरगना छोटे-छोटे ब्राकरों को तैयार करते है फिर उसे पूंजी उपलब्ध कराकर सरकारी अनाज की खरीदारी करते है। हालांकि अररिया के एसपी शिवदीप लांडे बताते हैं कि गरीबों को मिलने वाली सुविधा का हकमारी करने वाले अवैध कारोबारियों के विरुद्ध उन्होंने अभियान छेड़ दिया है। जब तक गरीबों को उनकी सुविधा उन्हें नही मिलती है तब तक समाज उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त नही करेगी। एसपी श्री लांडे ने बताया कि वह अपने थानाध्यक्षों को ऐसे कारोबारियों पर विशेष निगाह रखने का निर्देश दिया है।
इधर सूत्रों की माने तो पदाधिकारियों की लापरवाही का परिणाम है कि अवैध कारोबारियों का व्यापार नित आसमान पर पहुंच रही है। अधिकारी यदि जनवितरण प्रणाली दुकान एवं मध्याह्न भोजन से संबंधित पंजी का निरीक्षण नियमित करें तो ऐसे कारोबार पर बहुत हद तक लगाम लग सकता है।

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