Thursday, April 5, 2012

विकास की मांगों को लेकर ग्रामीणों का धरना


अररिया : जनसंघर्ष समिति रानीगंज के तत्वावधान में ग्रामीणों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर जिला समाहरणालय परिसर में बुधवार को एक दिवसीय धरना दिया। क्षेत्र की बदहाली एवं पिछड़ेपन को लेकर ग्रामीण आक्रोशित थे। रानीगंज प्रखंड के दक्षिणी पूर्वी भाग में स्थित दर्जनों गांव के लोग आजादी के 65 वर्षो बाद भी मूल सुविधाओं से वंचित है। आज भी जर्जर सड़कें व पुल-पुलियों पर जान जोखिम में डालकर चलने को लोग मजबूर हैं। जन संघर्ष समिति रानीगंज के अध्यक्ष मौलाना कबीर उद्दीन फारान के नेतृत्व में आयोजित इस धरना में सैदपुर, करंकिया, हरपुर, मिर्जापुर, दुर्गापुर, मोहनी, बौंसी, बसैटी, मिर्जापुर दियारी, फरकिया, धोबिनिया, घघरी, डुमरा, सुरहा आदि दर्जनों गांव के हजारों लोग मौजूद थे। धरना स्थल पर क्षेत्र की बदहाली को लेकर ग्रामीणों ने अपने जनप्रतिनिधियों को भी जमकर कोसा।
विदित हो कि जिले के रानीगंज सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से चुने गए एमएलए लगभग पचीस वर्षो तक मंत्री पद पर आसीन रहे हैं। बावजूद इलाके में विकास के लिए कोई काम नहीं किया गया। ग्रामीणों का आरोप था कि क्षेत्र तो आज भी बदहाल है लेकिन यहां के नेताजी व मंत्री जी का जमकर विकास हुआ। संघर्ष समिति ने अपनी पांच सूत्री मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री बिहार के जिला पदाधिकारी के माध्यम से दिया। उनकी मांगों में रानीगंज प्रखंड के सभी गांव को अररिया एवं पूर्णिया से जोड़ने, बिजली, स्वास्थ्य एवं शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने, बसैटी को प्रखंड का दर्जा दिए जाने, टूटी हुई जर्जर सड़कों एवं पुल-पुलिया का निर्माण अविलंब किए जाने आदि शामिल थी। इसके अलावा धोबिनिया, मोहनी, करंकिया, घघरी, बसैटी व मिर्जापुर में हाईस्कूल एवं स्वास्थ्य केन्द्र बनाने की मांग भी की गई। ग्रामीणों ने मांग नहीं माने जाने पर जनप्रतिनिधियों के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करने का एलान भी किया है। धरना पर बैठने वालों में मौलाना अब्दुल रज्जाक, रौशन झा, एम. शब्बीर आलम, मो. मुश्ताक, जियाउररहमान, परसु राम, जीवछ लाल, राजू ऋषिदेव, रामलाल मुर्मु, मौलाना जुबैर आलम सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।

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