Wednesday, April 4, 2012

जमीन खरीदना हुआ मंहगा, निबंधन शुल्क दोगुना

फारबिसगंज (अररिया) : बिहार सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के जमीनों का वैल्युएसन (मूल्यांकन) नये वित्तीय वर्ष पहली अप्रैल से बढ़ा दिए जाने के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। आवास, प्रतिष्ठान, कृषि कार्य आदि के लिए जमीन खरीदने की फीस काफी बढ़ गई है। जमीन की वर्तमान दरों में 50 से 80 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर दिए जाने के कारण अब उन्हें जमीन रजिस्ट्री कराने हेतु पहले से काफी अधिक राशि अदा करनी होगी। सरकार ने जमीन की सर्किल रेट अत्यधिक बढ़ा दिए जाने के कारण उन्हें रजिस्ट्री हेतु उसके अनुरूप यानि अधिक राशि का स्टैंप व कागजात खरीदना पड़ेगा। मंगलवार को इस संदर्भ में पूछे जाने पर फारबिसगंज अवर निबंधन कार्यालय के कर्मियों ने बताया कि नए निर्धारित दर एक अप्रैल से ही लागू कर दिए गए हैं। नए सर्किल रेट के बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि फारबिसगंज और जोगबनी शहरी क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न प्रकार के जमीनों की भी नए वर्धित दर निर्धारित किए गए हैं जिसकी सूचना सभी दस्तावेज नवीसों को दे दी गयी है। उदाहरण के रूप में फारबिसगंज शहर के वार्ड संख्या 9 में जमीन का वैल्यूएसन अस्सी हजार रुपये प्रति डिसमील से बढ़ाकर एक लाख पंद्रह हजार रुपये प्रति डिसमिल एवं जोगबनी में साठ हजार से बढ़ाकर एक लाख पचहत्तर हजार प्रति डिसमिल निर्धारित किया गया है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो नरपतगंज प्रखंड के मधुरा मौजे की दो फसल जमीन का मूल्यांकन तीन हजार आठ सौ रुपये से बढ़ाकर सात हजार रुपये प्रति डिसमिल, पलासी मौजे का तीन हजार चार सौ से बढ़ाकर छह हजार रुपये प्रति डिसमिल और फारबिसगंज प्रखंड के रामपुर मौजे का वैल्यूएसन चार हजार नौ सौ से बढ़ाकर आठ हजार रुपये निर्धारित किए गए है। कुल मिलाकर इन प्रखंडों के अधिक्तर मौजों की जमीन की सरकारी दर काफी अधिक बढ़ा दिए जाने के कारण आम लोग खासकर ग्रामीण किसानों को जमीन निबंधन करवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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