अररिया : जिले के जोकीहाट प्रखंड स्थित जामिया इस्लामिया तजवीदुल कुरआन, गोगरा गैरकी मसूरिया में आयोजित दो दिवसीय इसलाहे मआशरा इजलास शुक्रवार की रात संपन्न हो गया। जलसे की सदारत दारूल उलूम बहादुरगंज के नाजीम मौलाना अनवार आलम ने की। जबकि मुख्य अतिथि के रूप में गुजरात से तशरीफ लाए मौलाना अलहाज अब्दुल अजीज ने शिरकत की। जलसा का संचालन मौलाना नुरूद्दीन ने निभाई। जलसे का आगाज तिलावते कलाम पाक से हुआ। नआत व हम्द लोकप्रिय शायर हारून रशीद गाफिल एवं कारी कमरूज्जमा ने पेश किया। जलसा को खिताब करते हुए मुख्य अतिथि मौलाना अब्दुल अजीज ने कहा कि आज हम अल्लाह और अल्लाह के रसूल के हुकम को भूलकर दुनियां के कामों में लग गए है। जिसके कारण हमारे मआशरे में तरह-तरह की बुराइयां हो रही है। जो हमारे परेशानियों का मुख्य कारण बन गया है। बुराईयों को रोकने में सबों को इमानदारी से पहल करनी होगी। तभी एक स्वस्थ्य समाज का निर्माण हो सकता है। इस इलाके में शिक्षा की कमी एक गंभीर समस्या है। समाजिक बुराईयों को दूर करने के लिए शिक्षा के अपने एजेंडे में शामिल करने का उन्होंने आह्वान किया। मौलाना अनवार आलम ने अध्यक्षीय तकरीर में कहा कि आज पश्चिमी सभ्यता की ओर बढ़ता आकर्षण समाजिक बुराई का प्रमुख कारण है। मौलाना नबी हसन एवं मुक्ति अलीमुद्दीन ने दहेज लेने और देने वालों दोनों को समान रूप से जिम्मेदार ठहराया। मौलाना जुबेर आलम, मौलाना इस्लामउद्दीन ने नमाज की पाबंदी पर अपनी तकरीर पेश की। जलसा के संयोजक हाफिज मो. शहाबुद्दीन कासमी मुखिया कौसर जिया, सब्बीर आलम, सरवर आलम, अब्दुल गफुर तुफानी, मुखिया इमरान साबिर आदि ने जलसा को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Sunday, April 1, 2012
शिक्षा अपनाएं, समाज की बुराई भगाएं : अजीज
अररिया : जिले के जोकीहाट प्रखंड स्थित जामिया इस्लामिया तजवीदुल कुरआन, गोगरा गैरकी मसूरिया में आयोजित दो दिवसीय इसलाहे मआशरा इजलास शुक्रवार की रात संपन्न हो गया। जलसे की सदारत दारूल उलूम बहादुरगंज के नाजीम मौलाना अनवार आलम ने की। जबकि मुख्य अतिथि के रूप में गुजरात से तशरीफ लाए मौलाना अलहाज अब्दुल अजीज ने शिरकत की। जलसा का संचालन मौलाना नुरूद्दीन ने निभाई। जलसे का आगाज तिलावते कलाम पाक से हुआ। नआत व हम्द लोकप्रिय शायर हारून रशीद गाफिल एवं कारी कमरूज्जमा ने पेश किया। जलसा को खिताब करते हुए मुख्य अतिथि मौलाना अब्दुल अजीज ने कहा कि आज हम अल्लाह और अल्लाह के रसूल के हुकम को भूलकर दुनियां के कामों में लग गए है। जिसके कारण हमारे मआशरे में तरह-तरह की बुराइयां हो रही है। जो हमारे परेशानियों का मुख्य कारण बन गया है। बुराईयों को रोकने में सबों को इमानदारी से पहल करनी होगी। तभी एक स्वस्थ्य समाज का निर्माण हो सकता है। इस इलाके में शिक्षा की कमी एक गंभीर समस्या है। समाजिक बुराईयों को दूर करने के लिए शिक्षा के अपने एजेंडे में शामिल करने का उन्होंने आह्वान किया। मौलाना अनवार आलम ने अध्यक्षीय तकरीर में कहा कि आज पश्चिमी सभ्यता की ओर बढ़ता आकर्षण समाजिक बुराई का प्रमुख कारण है। मौलाना नबी हसन एवं मुक्ति अलीमुद्दीन ने दहेज लेने और देने वालों दोनों को समान रूप से जिम्मेदार ठहराया। मौलाना जुबेर आलम, मौलाना इस्लामउद्दीन ने नमाज की पाबंदी पर अपनी तकरीर पेश की। जलसा के संयोजक हाफिज मो. शहाबुद्दीन कासमी मुखिया कौसर जिया, सब्बीर आलम, सरवर आलम, अब्दुल गफुर तुफानी, मुखिया इमरान साबिर आदि ने जलसा को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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