Sunday, April 1, 2012

पहले भी एसएसबी जवान की हो चुकी है मौत

बथनाहा (अररिया) : भारत-नेपाल सीमा स्थित बथनाहा में एसएसबी 24वीं बटालियन मुख्यालय में चालक पद पर तैनात ललित मोहन जीना की संदेहास्पद स्थिति में हुई मौत कोई पहली घटना नहीं है। इससे पूर्व भी बथनाहा मुख्यालय के करीब एक दर्जन जवानों की मौत पिछले 10 वर्षो के दरम्यान हो चुकी है। सबसे अधिक मौत वर्ष 2007 में हुई है। जिसमें एक महिला सिपाही सहित चार जवानों की मौत शामिल है। हाल ही में 30 जुलाई 2011 को बथनाहा मुख्यालय में तैनात महिला सिपाही नयना राम दास की भी मौत संदेहास्पद स्थिति में इनसास राइफल की गोली लगने से हुई थी। 6 फरवरी 2010 को ही रविन्द्र फलिता नामक नायक जीडी की मौत भी संदेहास्पद स्थिति में अपने सर्विस राइफल की गोली लगने से हुई थी। वह एसएसबी मुख्यालय के आरपी गेट पर एक गार्ड कमांडर के रूप में ड्यूटी पर तैनात था। इससे पूर्व फुलकाहा में तैनात नायक जेडी बुलवधु सिंह तथा दमादगी में तैनात सिपाही मनोज कुमार की मौत भी राइफल की गोली लगने से हुई थी। उसे फायरिंग अभ्यास के लिए पश्चिम बंगाल में दुधिया जाना था। इधर, बुधवार की रात सिपाही सह चालक जीना की हत्या भी गोली मार कर कर दी गयी। इस संदर्भ में टेंट में उसके साथ रह रहे एसएसबी के जवानों से पुलिस पूछताछ कर रही है।

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