बसैटी (अररिया) : रानीगंज प्रखंड में एक ऐसा अस्पताल भी है जहां न तो चिकित्सक जाते हैं, न कोई स्वास्थ्य कर्मी और न ही यहां मरीजों का इलाज होता है। तुर्रा यह कि लाखों की लागत से बने अस्पताल भवन को 15 सालों बाद भी विभाग को सौंपा ही नहीं गया है। रानीगंज प्रखंड अंतर्गत पचीरा पंचायत के कमलपुर गांव स्थित स्वास्थ्य केंद्र भवन पिछले 15 साल से चिकित्सक का इंतजार कर रहा है। कमलपुर गांव में 15 साल पूर्व बने स्वास्थ्य उपकेन्द्र भवन में आज तक न तो चिकित्सक पहुंच पाये न ही स्वास्थ्य कर्मी, फलत: यहां मरीजों का इलाज नहीं होता है। स्वभाविक है यह भवन गांव की शोभा जरूर बढ़ा रहा है।
हालांकि प्रखंड चिकित्सा प्रभारी सीपी मंडल की मानें तो 15 साल पहले बने इस अस्पताल भवन को आज तक विभाग के सुपूर्द नहीं किया जा सका है। जबकि भवन पर उप स्वास्थ्य केंद्र का बोर्ड लगा हुआ है। फिर भी अगर इस भवन को 15 साल बाद भी विभाग के हैंड ओवर नहीं किया जा सका है तो आखिर इसके लिए दोषी कौन है? जनता के पैसे का हुए दुरूपयोग का हिसाब आखिर कौन देगा? जनता के हित में कई फैसले लेने वाला संवेदनशील वर्तमान जिला प्रशासन क्या जनता को उसका हक दिला पायेगी? ऐसे कई सवाल आज अनुत्तरित हैं। जबकि पूछे जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ललन ऋषिदेव ने बताया कि इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है, लेकिन शीघ्र ही विभाग से जानकारी मंागी जायेगी तथा वहां चिकित्सा प्रारंभ कराया जायेगा।
ग्रामीण भागवत शर्मा, सुबोध कुमार, जय किशोर सिंह आदि बताते हैं कि पंद्रह वर्ष पूर्व तत्कालीन राज्य मंत्री, शांति देवी द्वारा इस अस्पताल भवन का शिलान्यास किया गया था। कुछ दिनों बाद ही भवन तैयार भी हो गया। जिसके बाद लोगों में आशा जगी कि अब उन्हें भी गांव में ही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो पायेगी। परंतु आज तक वहा न तो चिकित्सक पहुंचे और न ही कोई स्वास्थ्य कर्मी।
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