Thursday, April 26, 2012

नहीं हुई संविदा, नप कर्मियों के हाथों में बस पड़ाव की कमान

फारबिसगंज(अररिया) : फारबिसगंज नगर परिषद में पहले तो एक वर्ष तक बस पड़ाव स्थानांतरण को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। अब नये वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए निविदा भी नहीं हो सकी है। जिससे इस वित्तीय वर्ष के लिए बस पड़ावों पर वाहनों से कर वसूली की जिम्मेदारी फारबिसगंज नगर परिषद प्रशासन ने खुद उठा ली है। इसके पीछे नगर परिषद चुनाव का मुख्य कारण माना जा रहा है। बीते एक अप्रेल 2012 से नगर परिषद के छह कर्मी तीन वैध तथा अवैध वाहन पड़ाव स्थलों पर छोटे बड़े यात्री वाहनों से वसूली में लगे हुए हैं। इससे वसूली की रकम में गड़बड़ी आनी भी शुरू हो गयी है। इस वर्ष नगर परिषद के लिए वाहन पड़ाव स्थल के लिए संवेदक नहीं मिलने से बड़ी मुसीबत खड़ी होने की आशंका अलग है। फारबिसगंज नगर परिषद द्वारा बस पड़ाव स्थलों पर कर वसूली के लिए तीन बार निविदा निकाली गयी। लेकिन निविदा की न्यूनतम राशि अधिक होने का हवाला देकर संवेदकों ने बस पड़ाव का ठेका लेने से हाथ उठा दिया। जिसके बाद वसूली का काम नप कर्मियों के हाथों में दे दिया गया। पिछले वर्ष 10 लाख रूपये में बस पड़ाव की संविदा हुई थी। जिस कारण इस वर्ष 16 लाख रूपया से अधिक में ठेका दिया जाना था। लेकिन संभावित संवेदक आठ लाख रूपया तक देने को ही तैयार है। फारबिसगंज नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गिरजानंद कापरी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि निविदा निकालने के बावजूद किसी के द्वारा आठ लाख रूपये से अधिक की राशि पर काम लेने को तैयार नहीं हुआ। जिस कारण नप कर्मियों को यह काम सौंप दिया गया है। शहर के पुराना बस पड़ाव, अस्पताल रोड स्थित अवैध टैंपो स्टैंड तथा सुभाष चौक के समीप नप कर्मियों द्वारा वाहनों से कर वसूली जा रही है। हालांकि अनाधिकृत रूप से तीन से अधिक स्थानों पर यात्री वाहन सहित अन्य भारी वाहनों से वैध अवैध वसूली की जा रही है। बस पड़ाव का ठेका नहीं होना भी नगर परिषद चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल किस गुट की नप में बोर्ड बनती है इसी परिणाम का इंतजार किया जा रहा है। बहरहाल नप की आमदनी से अधिक स्थानीय राजनीति इस मामले पर हावी है।

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