Tuesday, April 24, 2012

सत्संग अरु ध्यान नित रहिये करत संलग्न हो..


भरगामा (अररिया) : सत्संग व दृढ़ ध्यान के बिना मोक्ष की प्राप्ति नहीं। मोक्ष प्राप्ति का द्वार है सत्संग। जबकि ध्यान के लिए आवश्यक है सदाचार का पालन अर्थात झूठ, चोरी, नशा, हिंसा एवं व्यभिचार का त्याग। उक्त बातें रघुनाथ नगर खजुरी में आयोजित दो दिवसीय संतमत सत्संग के विशेष अधिवेशन के प्रथम दिन मंगलवार को संतमत के आचार्य स्वामी हरिनंदन जी महाराज ने धर्मानुरागियों को संबोधित करते हुए कही।
सत्संग कार्यक्रम प्रात: निर्धारित समय से प्रारंभ हुआ जिसमें वेद, रामायण आदि धर्म ग्रंथ का पाठ सहयोग जयकुमार बाबा ने किया। तत्पश्चात स्तुति, विनती एवं प्रवचन आदि किया गया। वहीं, प्रमोद बाबा, अनमोल बाबा, कामेश्वर बाबा, इंद्रानंद बाबा एवं स्वयं आचार्य स्वामी हरिनंदन जी महाराज ने महर्षि मेंहीं परमहंस जी, कबीर साहब, रैदास सरीखे संतों के वचन को उद्धृत करते हुए प्रवचन किया। संतों के समागम एवं अमृतमय वचनों से कार्यक्रम स्थल पर मौजूद हजारों की भीड़ ओत-प्रोत होती रही।
धर्म प्रचारक नेमचन्द बाबा ने जानकारी देते हुए बताया कि दूर-दूर से आए धर्मानुरागियों हेतु भंडारे व ठहराव की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कार्यक्रम में स्थानीय लोगों के सहयोग को सराहनीय बताया।

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