Wednesday, July 13, 2011
फारबिसगंज: डेढ़ दशक में एक दर्जन व्यवसायियों की हो चुकी है हत्या
फारबिसगंज (अररिया) : अररिया के व्यवसायिक शहर फारबिसगंज में व्यापारियों की हत्या किये जाने का सिलसिला वर्षो से जारी है। इस दौरान कई पुलिस पदाधिकारी आये गये लेकिन न तो हत्या पर लगाम लग सका है और न ही हत्यारों की अधिकांश मामलों में गिरफ्तारी हो सकी। जिस कारण अपराधियों का मनोबल बढ़ता रहा है। बताया जाता है कि करीब 15 वर्ष पूर्व कपड़ा व्यवसायी चौधरी कंपनी के मालिक प्रदीप चौधरी की हत्या इस श्रृंखला की शुरूआत थी। प्रदीप की हत्या सदर रोड में गोली मारकर उस समय कर दी गयी थी जब वे अपनी दुकान से जबरन कपड़ा लेने का विरोध किया था। करीब दस वर्ष पूर्व रंगदारी प्रकरण में किराना व्यवसायी भंवर लखोटिया की अपराधियों ने डीबी रोड स्थित उसकी दुकान में ही गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्या के ठीक बाद शहर के ज्योति सिनेमा रोड, सदर रोड में खाद व्यवसायी आशीष सिंह की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। वर्ष 1993 में प्रेस गली में हो रही डकैती के दौरान वहां से गुजर रहे डा. विश्वनाथ शर्मा डकैतों के गोली का शिकार होकर मारे गये। हीरो होंडा शोरूम व्यवसायी बबलू शर्मा की रंगदारी के मामले में वर्ष 2001 में हाईस्कूल रोड स्थित उसके घर के सामने ही अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। करीब छह वर्ष पूर्व किराना व्यवसायी छोटू मरोही की आरबी लेन में गोली मारकर मौत की नींद सुला दी गयी। करीब सात वर्ष पूर्व पान के थोक व्यापारी ललित चौरसिया भी अपराधियों की गोली का शिकार होकर मारे गये। सात फरवरी 2007 की सुबह शहर के युवा उद्योगपति अरूण गोलछा की नरपतगंज थाना क्षेत्र के चकरदाहा के समीप गोली मारकर हत्या कर दी गयी। 12 जुलाई 2011 की संध्या कपड़ा व्यवसायी सुशील भंसाली की हत्या इस श्रृंखला में नयी कड़ी जुट गयी है। इसके अलावा करीब एक सप्ताह पूर्व फुलवड़िया हाट के युवा किराना व्यवसायी की गोली मारकर जख्मी कर दिया गया। करीब चार माह पूर्व मनिहारा व्यवसायी योगेश लखोटिया को अपराधियों ने गोली मारकर जख्मी कर दिया। करीब आठ वर्ष पूर्व कपड़ा व्यवसायी जयचंद लाल डागा को गोली मारकर घायल कर दिया गया। मंगलवार को मारे गये व्यवसायी सुशील भंसाली के बड़े भाई शेखर भंसाली को भी करीब डेढ साल पहले डकैती के दौरान गोली मारकर जख्मी कर दिया गया था। फारबिसगंज में हत्या और हत्या के प्रयासों की लंबी फेहरिश्त रही है। लेकिन हत्यारों की गिरफ्तारी की सूची बेहद संक्षिप्त।
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