Wednesday, July 13, 2011

कहां पढ़ने जायेंगे अररिया के छात्र?

अररिया : वर्ष 2011 में अररिया जिले के नौ हजार चार सौ सत्तावन छात्र छात्राओं ने मैट्रिक की परीक्षा पास की। उनके सामने अब यह समस्या आ रही है कि वे एडमीशन कहां लें? जिले में मात्र दो अंगीभूत महाविद्यालय हैं और उनमें जल्द ही एडमीशन क्लोज होने वाला है। फिर सीटों की समस्या भी अलग से है।
वहीं, आबादी के अनुपात में देखें तो अररिया जिले में उच्च शिक्षा संस्थानों की घोर कमी है।
अधिकृत आंकड़ों के अनुसार जिले की औसतन साढ़े चौदह लाख की आबादी के लिए मात्र एक अंगीभूत डिग्री कालेज है। इतना ही नहीं वित्त रहित डिग्री कालेजों की भी किल्लत है। जिले में मान्यता प्राप्त डिग्री कालेजों में रानीगंज में एक, अररिया में दो तथा फारबिसगंज में भी दो कालेज शामिल हैं। अब जरा कल्पना कीजिए कि इन्हीं सात कालेजों पर निर्भर है उन्तीस लाख की आबादी। कैसे पूरा होगा उच्च शिक्षा का सपना?
वहीं, पड़ोस के पूर्णिया जिले में एक दर्जन से अधिक डिग्री कालेज हैं। अररिया जैसे ही मधुबनी जिले में तो
तीस लाख की आबादी पर 22 अंगीभूत महाविद्यालय हैं।
इस साल जितने छात्रों ने मैट्रिक की परीक्षा पास की है, जिले के इंटर कालेजों में उतनी सीट भी नहीं हैं। हालांकि जिला शिक्षा पदाधिकारी की मानें तो एक दर्जन से अधिक हाई स्कूलों में इंटर की पढ़ाई शूरू करने की अनुमति दी गयी है। लेकिन उन स्कूलों में जरूरत के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास अब तक नहीं हो सका है।
कुल मिला कर जिले में उच्च शिक्षा की तस्वीर निराशाजनक ही नजर आती है।

0 comments:

Post a Comment