Saturday, July 16, 2011

मुस्लिम नेताओं ने सरकार पर बीजेपी के हावी होने का लगाया आरोप


फारबिसगंज (अररिया) : देश भर के डेढ़ दर्जन मुस्लिम संगठनों ने फारबिसगंज गोलीकांड मामले में नीतीश सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का अरोप लगाया है। इन संगठनों द्वारा गोलीकांड की गहन जांच के लिए एक तदर्थ जांच कमेटी का गठन किया गया है जिसने गोलीकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। शुक्रवार को दिल्ली तथा पटना से पहुंचे विभिन्न मुस्लिम संगठनों के करीब एक दर्जन नेता फारबिसगंज गोलीकांड में मृतक के परिजनों व घायलों से मुलाकात करने भजनपुर गांव पहुंचे। सामाजिक कार्यकर्ता सह अलखैर नामक संस्था के नैयर फातमी के नेतृत्व में पहुंचे नौ मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने भजनपुर के ग्रामीणों से गोलीकांड की विस्तृत जानकारी ली। दिल्ली से पहुंचे नैयर फातमी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मामले की न्यायिक जांच पीड़ितों को न्याय दिलाने से रोकने का प्रयास है। इसलिये सीबीआई जांच होनी चाहिये। उन्होने कहा कि देश भर के 24 मुस्लिम संगठनों के द्वारा भजनपुर गोलीकांड मामले की जांच करने के लिये एक तदर्थ जांच टीम बनाय गई है जो घटना की गहन जांच करेगी। कहा कि सरकार आरोपी पुलिस प्रशासन के अधिकारियों पर कार्रवाई न कर तीन हजार ग्रामीणों पर प्राथमिकी दर्ज कराना ग्रामीणों को भयभीत करने की साजिश है। आल इंडिया पर्सनल ला बोर्ड के प्रवक्ता सैयद काशीम रसूल इलियास ने कहा कि इस घटना से स्पष्ट होता है कि नीतीश सरकार में अब बीजेपी सत्ता पर हावी होकर अल्पसंख्यकों की घेराबंदी शुरू कर दी है। जिसे चलने नही दिया जयेगा। भजनपुर पहुंचने वालों में जमाते उलेमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना मो. नजीम, मोमीन कांफ्रेंश बिहार के अध्यक्ष जफर इमाम अंसारी, राफ्ता कमेटी बिहार के महासचिव अफजल हुसैन, एसआईओ के अध्यक्ष मजहरऊल इस्लाम, जमाते इस्लामे हिन्द के बिहार अध्यक्ष नैयर जमा, कोशी अध्यक्ष मो. मोसीन, अलखैर संस्था के राशिद नैयर, अनवारूल्ला, शकील ए हसन, जमाते इस्लामी के शमशेर आलम, मुजीबुर्र रहमान सहित अररिया के कांग्रेस नेता मो आबिद सहित अन्य नेता शामिल थे।

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