फारबिसगंज (अररिया) : भारत-नेपाल सीमा पर इन दिनों खाद्यान्न की कालाबाजारी जोरों पर हो रही है। वहीं आश्चर्यजनक बात यह है कि बाहर से आई एजेंसियां कार्रवाई कर रही है जबकि स्थानीय प्रशासन इस मामले में उदासीनता बरत रहा है। इस संबंध में एसडीओ गिरवर दयाल सिंह ने इस बताया कि तस्करी और कालाबाजारी को रोकना पुलिस का काम है। इसके लिए जोगबनी थाना सहित डीएम तथा एसपी को भी पत्र लिखकर पुलिस को और अधिक सक्रिय करने का अनुरोध किया जायेगा।
ज्ञात हो कि पटना की डीआरआई टीम ने तीन दिन पहले फारबिसगंज और जोगबनी में छापेमारी कर लाखों के कालाबाजारी का अनाज पकड़ा था। इससे पूर्व भी डीआरआइ की टीम ने कार्रवाई की थी। परंतु स्थानीय प्रशासन को इस तरह की सफलता नहीं मिलती। आखिर स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक तक क्यों नहीं लगती। जबकि स्थानीय प्रशासन के पास क्षेत्र में हो रही गतिविधियों की जानकारियां एकत्र करने के कई स्त्रोत हैं।
करीब छह माह पूर्व भी डीआरआई (पटना) की टीम ने फारबिसगंज के केसरी टोला से लाखों रुपये की कालाबाजारी की सुपारी एसएसबी की मदद लेते हुए जब्त की थी। महज एक माह पूर्व एसएसबी ने जोगबनी से नेपाल भेजे जा रहे तस्करी का लाखों का सामान जब्त किया था। कुछ दिन पूर्व पूर्णिया में नकली सरसों तेल बनाने के मामले का भंडाफोड़ होने के बाद फारबिसगंज में भी दो जगहों पर नकली सरसों तेल बनाने की बात उठी थी। लेकिन पुलिस से लेकर प्रशासन तक की कोई सक्रियता इस मामले में नहीं दिखी। जबकि स्थानीय प्रशासन की सक्रियता कालाबाजारियों के हौसले पस्त कर सकता है। उन्होंने माना कि बाहर की टीम को सफलता मिलना स्थानीय प्रशासन के लिए उदासीनता का संकेत है। बहरहाल देखने वाली बात होगी कि एसडीओ की पहल पर कालाबाजारी एवं तस्करों पर कितना अंकुश लग पाता है।
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