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इस यज्ञ में दिल्ली से आये गायक हरीश, जसप्रीत अप्रतिम व हर्षल के साथ सर्वसुखी, पूर्णिमा एवं किरण द्वारा प्रस्तुत भजन से दर्शकों को आत्मिक सुख की अनुभूति हो रही है। मौके पर श्री मधुर की बांसुरी तथा स्वामी राजदीप द्वारा तबला व हिमांशु की ढोलक पर संगति से अररिया के जानकार व श्रद्धालु दर्शक दिव्य सुरों से रूबरू हो रहे हैं।
सरस्वती के इन मानस पुत्रों की मानें तो उनका संगीत आत्म साक्षात्कार से प्रगट पवित्र संगीत है। सब गुरु की कृपा। इतना ही नहीं, वायलिन पर हरिप्रीता, सितार पर श्रीयाश्रुति व नीतू, आक्टोपैड पर कृतिका तथा कैसियो पर हरिअर्चना व किरण की प्रस्तुति से साध्वी विश्वंभरा की वाणी मानो रूप ग्रहण कर श्रद्धालुओं के पास पहुंचने लगी है।
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