सिकटी (अररिया) : बदले माहौल में विकास कार्यो में गति जरूर आई है किंतु योजनाओं के क्रियान्वयन में जमकर अनियमितता भी बरती जा रही है। सिकटी प्रखंड मुख्यालय में जिला परिषद की ओर से बनाये जा रहे बेसिक ओरियंटल प्रशिक्षण केन्द्र भवन में भी काफी अनियमितता बरती गयी है तथा राशि का गबन कर लिया गया है। आश्चर्यजनक तो यह है कि उक्त योजना में प्राक्कलित राशि से भी अधिक का भुगतान कनीय अभियंता को कर दिया गया है। हालांकि संज्ञान में आने के बाद जिला प्रशासन की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जिला परिषद के आदेश ज्ञापांक सं.137 दिनांक 09.03.02 द्वारा तत्कालीन प्रतिनियुक्त कनीय अभियंता विनोद पासवान को उक्त योजना का अभिकर्ता बनाया गया तथा प्राक्कलित राशि 6 लाख 34 हजार 7 सौ रुपये के भवन निर्माण का पहला अग्रिम 3 लाख 80 हजार रुपये दिया गया। इसके बाद ज्ञापांक 231 दिनांक 17.4.02 को 96 हजार, ज्ञापांक 409 दिनांक 5.8.02 को 70 हजार का अग्रिम मिलाकर 4 लाख 76 हजार कुल अग्रिम दिया गया। इसके तीन वर्ष बाद पुन: जिला परिषद के ज्ञापांक 808 दिनांक 25.10.05 को 75 हजार एवं ज्ञापांक 820 दिनांक 25.11.05 को 70 हजार रुपये का भुगतान अभिकर्ता को किया गया। इस तरह कुल मिलाकर कनीय अभियंता विनोद पासवान को इस योजना मद में 6 लाख 91 हजार रुपये का भुगतान किया गया जबकि योजना की प्राक्कलित राशि 6 लाख 34 हजार 7 सौ रुपये ही है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि भुगतान करने वाले अधिकारियों व अभियंताओं द्वारा मिलीभगत कर भुगतान में अनदेखी की गई है। फिर सवाल यह है कि अंतिम दो अग्रिम राशि का भुगतान तीन साल बाद बिना कार्य की भौतिक जांच किये कैसे कर दिया गया। अगर इस समय इस बात का ख्याल रखा जाता तो ऐसी नौबत नहीं आ सकती थी। इन परिस्थितियों में निश्चित रूप से राशि गबन के लिए मात्र अभिकर्ता बने कनीय अभियंता ही जिम्मेदार नहीं हैं।
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