Saturday, February 12, 2011

रामकृष्ण सेवाआश्रम के मुख्य स्वामी पंचतत्व में विलीन


अररिया : रामकृष्ण परमहंस व स्वामी विवेकानंद के उद्देश्यों को आत्मसात कर मानव की सेवा में लगे अररिया रामकृष्ण सेवाआश्रम के मुख्य महाराज स्वामी धीरानंद जी महाराज (93) का गुरुवार की रात्रि करीब आठ बजे निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। शुक्रवार की सुबह उनका पार्थिव शरीर आम लोगों के दर्शन के लिए आश्रम के मंदिर में रखा गया तथा दोपहर स्थानीय परमान नदी तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
वे स्वामी महादेवानंद जी के शिष्य थे। बांगला वर्ष 1324 अर्थात 1918 में जन्मे स्वामी धीरानंद के मूल घर के बारे में किसी को जानकारी नहीं है। उन्होंने आश्रम परिसर में ही नि:शुल्क दात्व्य चिकित्सालय खोलकर निर्धन मरीजों की सेवा की। विवेकानंद विद्यापीठ नामक शिक्षण संस्थान खोलकर गरीब-निसहाय बच्चों को एक नई दिशा प्रदान करने का प्रयास किया। शुक्रवार की सुबह उनके स्वर्गवास की खबर फैलते ही कटिहार, पूर्णिया समेत आसपास के आश्रम के सचिव उनका अंतिम दर्शन करने के लिए अररिया पहुंचे। भेरोल मठ शारदा पीठ के स्वामी जीवानंद जी महाराज, सचिव स्वामी शिवामायानंद जी महाराज समेत कई सन्यासीगण व संत श्रद्धा सुमन अर्पित करने अररिया आ गये हैं। ज्ञात हो कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी स्वयं 1925 ई. में इस आश्रम में रात गुजार कर एक हस्तलिखित पत्र भी दिया था जो आज भी आश्रम में मौजूद है। आश्रम के स्वामी ज्योतियानंद व सेवक हराधन दास ने बताया कि आगामी 22 फरवरी को उनके आत्मा की शांति के लिए आश्रम में भंडारा का आयोजन किया जायेगा।

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