Monday, February 7, 2011

देश में आध्यात्मिक जागृति की जरूरत: विश्वंभरा


अररिया  : अध्यात्म के संदर्भ में आम जनजीवन की जरूरतों की यह अनूठी व्याख्या थी। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के सौजन्य से शिवपुरी में चल रहे ज्ञान यज्ञ में मुख्य वक्ता साध्वी विश्वंभरा भारती ने कहा कि देश में अब आध्यात्मिक जागृति की जरूरत है, क्यों कि इसकी मदद से ही बुरे कार्यो पर नियंत्रण संभव है। साध्वी ने अध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को बेहद सुलभ तरीके से सुलझाया।
रविवार को उन्होंने कृष्ण लीला के रहस्यों को बताते हुए कहा कि मैया यशोदा ने कान्हा के मुख में संपूर्ण ब्रह्मांड देखा। लेकिन आम जन को ये दर्शन नहीं होते, क्योंकि उन्हें ब्रह्मा ज्ञान नहीं होता। यह ज्ञान अच्छे गुरु के सान्निध्य में ही संभव है। ..घट में ही अविनाशी साधो ..प्रभु मन के अंदर रहते हैं, लेकिन उन्हें देखने के लिये दृष्टि चाहिये।
साध्वी ने कहा कि असल बात है लालसाओं पर नियंत्रण, क्योंकि इसके बढ़ने के साथ ही जरूरतें बढ़ती हैं और मनुष्य प्रकृति का अपने स्वार्थ के लिये दोहन करने में लग जाता है। उन्होंने कहा कि जब मनुष्य सन्मार्ग से विचलित होता है तो समाज रूपी यमुना प्रदूषित होने लगती है।
साध्वी ने भौतिक शास्त्र की सूक्ष्म जानकारियों की मदद से संस्कृति के कई रहस्यों को सुलझाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस कप्तान विनोद कुमार, त्वरित न्यायालय के एडीजे जितेंद्र नाथ सिंह, उप निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार सिंह, पूर्णिया कस्टम के मायानंद सिंह आदि लगातार उपस्थित रहे। वहीं, इस अवसर पर यजमान द्वारका प्रसाद केडिया व विजय कुमार मिश्र के अलावा स्वामी यादवेंद्रानंद्र जी, अजय झा, शंकर झा बाबा, त्रिलोक चंद्र जैन आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रसाद की व्यवस्था सांसद प्रदीप कुमार सिंह व शांति लाल जैन ने की।
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घट में ही अविनाशी साधो ..
अररिया, निसं: भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास सुश्री विश्वम्भरा भारती ने कहा कि मनुष्य को अज्ञानता रूपी अंधकार से मुक्ति पाना आवश्यक है। यह अज्ञानता तभी दूर होगा जब तन रूपी घर में ही परमात्मा से साक्षात्कार होगा। साध्वी ने कहा कि जिस प्रकार प्रतिबिंब में फल को पाने के लिए पक्षी थक जाते हैं उसी प्रकार मनुष्य अपने ही अंदर से बिना ज्ञान के उस परमात्मा के दर्शन से दूर नहीं कर जाते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने अंदर छिपे उस प्रकाश को खोजना होगा। तभी वह अज्ञानता रूपी अंधकार से मुक्ति प्राप्त कर पायेंगे।

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