नरपतगंज/बथनाहा (अररिया) : भारत-नेपाल के सीमावर्ती इलाके में पशु तस्करी बदस्तूर जारी है। तस्कर संगठित होकर यहां काम कर रहे हैं जिनके जाल नेपाल से लेकर बांगलादेश तक फैले हैं। सीमावर्ती क्षेत्र से गाय भैंस तस्करी कर पहले उत्तर में नेपाल तथा फिर पूरब में किशनगंज के रास्ते बांग्लादेश तक ले जाया जाता है। नेपाल को भेजे जा रहे गायों व भैंसों की तस्करी का केन्द्र सीमावर्ती क्षेत्र के सरायगढ़, बीरपुर, घुरना, बसमतिया, खेरागढि़या, रामपुर के आदि गांव बना हुआ है। अधिक आबादी वाले इस टोले में दुरदराज के ग्रामीण क्षेत्र से मवेशी लाकर रखा जाता है और रात के अंधेरे में ट्रक पर लोड कर ठिकाने पर भेजा जाता है। वहीं तस्कर पगडंडियों और नदियों के तटबंधों के किनारे होकर नेपाल के रास्ते भी पैदल मवेशी को ले जाते हैं। जहां मौका पाकर सीमा पार के तस्करों के हवाले कर देते हैं। यही वजह है कि सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में भी मवेशियों की संख्या तेजी से घट रही है जिससे अब गांवों में भी पर्याप्त मात्रा में दूध उपलब्ध नहीं हो रही है।
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