भरगामा (अररिया) : भरगामा प्रखंड में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का विभागीय दावा पूरी तरह फ्लाप साबित हो रहा है। जिस कारण प्रखंड की एक बड़ी आबादी कैंसर जैसी बीमारी की चपेट में जा रहे हैं। आयरन युक्त जल का प्रतिकूल प्रभाव विभिन्न तरह के बीमारी के रूप में सामने आ रहे हैं।
पानी के रूप में जहर पी रहे लोग:-
जानकारों की मानें तो भरगामा के लगभग सभी हिस्सों में पानी में आयरन व फासफोरस आदि की काफी मात्रा है। वहीं सिरसिया कला पंचायत ऐसा उदाहरण है जहां विषाक्त पानी से केंसर जैसी बीमारी महामारी का रूप ले लिया है। चर्चा पिछले पांच-दस वर्षा की करें तो लगभग आधे दर्जन लोगों की मौत उक्त पंचायत में केवल पेट व लीवर केंसर से हो चुकी है वहीं दर्जनों लोग अभी भी केंसर से पीड़ित हैं। जानकार इसके पीछे विषाक्त हो चुके पानी को जिम्मेदार मानते हैं।
तेजी से फैल रही बीमारी:- जानकारों के मुताबिक पानी के विषाक्त होने से प्रखंड के विभिन्न हिस्से में पेट, लीवर की रोग के अलावा हाईड्रोसील व कैंसर जैसी बीमारी तेजी के साथ बढ़ी है जो काफी चिंताजनक है। एक आंकड़े के मुताबिक तीस से चालीस प्रतिशत लोग फिलवक्त उक्त बीमारियों के चपेट में हैं।
विभागीय प्रयास का सच:-
विषाक्त हो चुके पेयजल व केंसर जैसी बीमारियों का विस्तार से जुड़े समाचार के प्रकाशन के बाद विभाग में हलचल अवश्य बढ़ी विभागीय कुछ अधिकारियों ने पिछले दिनों सिरसिया कला, वीननगर आदि कई पंचायतों में पहुंच कर पेयजल का नमूना भी लिया। इधर लौह निस्कासन संयंत्र लगाकर या जल मिनार का निर्माण कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने का विभागीय प्रयास भी प्रारंभ किया गया। लेकिन यह सारी योजना बीच राह में ही गुम होकर रह गई। पुन: न तो विभाग ने और न प्रशासन ने पलट कर इसमें दिलचस्पी दिखाई।
क्या कहते हैं चिकित्सक:- चिकित्सा प्रभारी भरामा डा. सूखी राउत बताते हैं कि पेट, लीवर, स्टोन, जैसी बीमारियों का बढ़ता दायरा निश्चित ही खतरनाक है। जरूरत है त्वरित उपाय की। और इसके लिए पहली जरूरत है शुद्ध पेयजल की उपलब्धता।
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