नरपतगंज (अररिया) : महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का सरकार का वादा नरपतगंज में छलावा साबित हो रहा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में महिला चिकित्सक नहीं रहने के कारण प्रसव और अन्य बीमारियों के इलाज के लिए महिलाओं को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रसव कराने वाली महिलाओं को कहीं बाहर जाकर अथवा निजी क्लिनिकों में शरण लेना पड़ता है जहां उसका जमकर आर्थिक शोषण किया जाता है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में महिला चिकित्सक नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं संकोच के कारण पुरूष चिकित्सक के समक्ष खुलकर अपनी समस्याएं नहीं बता पाती हैं।
इसके अलावा भी इस पीएचसी में भी स्वास्थ्य सुविधा का घोर अभाव है। खासकर महिलाओं को इस कारण काफी परेशानी होती है। बता दें कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रसव कक्ष में छह बेड है पर किसी भी बेड पर चादर नहीं रहता है और साफ-सफाई तो नहीं के बाराबर ही होती है। जबकि इस पीएचसी में औसतन प्रतिदिन 8-10 प्रसव होता है। यह संख्या कभी-कभी 15-20 भी पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति में अन्य महिलाओं का प्रसव जमीन पर ही करवाना पड़ता है।
एक तरफ सरकार महिलाओं को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है। इसके बावजूद आज भी महिलाओं में जागरूकता की कमी देखी जा रही है। जिस कारण वे पुरुष चिकित्सक को अपनी समस्या नही बताते हैं।
प्रसव कराने आयी महिला माला देवी, सोनी देवी, मुन्नी देवी, रजजीना खातुन, रूना देवी, किरण देवी, सबनम देवी, रिकी देवी, भारती देवी ने बताया कि हम लोगों को प्रसव के दौरान महिला चिकित्सक नही होने से काफी परेशानियां हुई। साथ ही कुछ महिलाओं का आरोप था कि हमलोगों को बेड नही मिला फर्श का ही सहारा मिला।
बता दें कि महिला चिकित्सक नहीं होने के कारण एनएम के भरोसे से ही प्रसव करवाई जाती है। एनएम भारती कुमारी एवं वंदना सिन्हा ने बताया कि जिस दिन छह से अधिक प्रसव होता है उस दिन एक बेड पर दो महिलाओं को शिफ्ट कर दिया जाता है। इधर किरन कुमारी, नीलम कुमारी, गीता देवी, मीरा देवी, ननही देवी आदि ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द महिला चिकित्सक की नियुक्त करने की मांग की है।
वहीं पीएचसी प्रभारी एमएन सिद्दीकी ने बताया कि महिला चिकित्सक नहीं होने से महिला रोगियों को परेशानी होती है। अस्पताल में महिला चिकित्सक की नियुक्ति हेतु कई बार जिला प्रशासन को लिख चुका हूं।
वहीं डाक्टर निलेश प्रधान बताते हैं कि महिला चिकित्सक नहीं होने के कारण महिला अपनी समस्या बताने में हिचकते हैं।
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