Saturday, March 17, 2012

चिराग तले अंधेरा..


अररिया : एक कहावत है दीपक तले अंधेरा..। वार्ड संख्या 22 पर यह सटीक बैठती है। मुख्य बाजार वार्ड संख्या 22 अंतर्गत ही आता है। नगर परिषद कार्यालय से लेकर तमाम सरकारी कार्यालय इसी वार्ड में आते हैं। लेकिन जगह जगह टूटी-फूटी सड़कें और उस पर जल जमाव यहां की पहचान बन गयी है। थोड़ी बारिस में भी समाहरणालय परिसर में जलकुंड जैसी स्थिति बन जाती है। लेकिन नप प्रशासन इस समस्या के प्रति अनभिज्ञ बना हुआ है। जबकि जिला प्रशासन के पास कोई फंड ही नहीं है। ऐसी परिस्थिति में यहां की समस्या दूर हो तो कैसे यह अहम सवाल बना हुआ है। आबादी वाले क्षेत्रों में नप के तहत कई सड़कों का निर्माण भी कराया गया, लेकिन आधे से अधिक सड़कें आज भी दशकों से विकास के लिए तरस रही है। नप कार्यालय के पीछे डीडीसी आवास होते हुए एसडीओ कार्यालय तक जाने वाली सड़क की हालत जर्जर है। इस वार्ड में कई सरकारी कार्यालय होने के कारण साफ सफाई की स्थिति तो सुदृढ़ है लेकिन वह भी कार्यालय क्षेत्र तक ही सीमित है। अंदर जाते ही कूड़े कचरे का अंबार सब पोल खोल कर रख देता है। दो हजार से अधिक आबादी वाले इस वार्ड में मतदाताओं की संख्या 701 है। जिनमें 218 एपीएल और 105 परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजर बसर कर रहे हैं। वार्ड में 21 लोगों को अंत्योदय योजना का लाभ भी दिया जा रहा है। इस वार्ड में एक आंगनबाड़ी केंद्र भी चलाया जा रहा है। इसी वार्ड के पूर्व चेयरमैन अंजनी जायसवाल के पति श्याम जायसवाल वार्ड की कमान संभाल रहे हैं। अपनी पत्‍‌नी के कार्यकाल में वार्ड के विकास के लिए कई कार्य भी किये लेकिन कई महत्वपूर्ण विकास के लिए आज भी वार्ड वासियों की नजर उन पर टिकी हुई है।
क्या कहते हैं वार्डवासी:
वार्डवासी राजू गुप्ता बताते हैं वे लोग व्यापारी हैं। आशा के अनुरूप काम नहीं हो पाया है। वहीं बगल की विधवा रतन माला देवी कहती हैं कि वार्ड पार्षद को पेंशन योजना में शामिल करवाने के लिए कई बार कह चुकी हैं लेकिन अभी तक यह लाभ उन्हें नहीं मिल पाया है।
प्रो. सीएम चौधरी का कहना है कि वार्ड में टूटे फुटे सड़कों की मरम्मत होनी चाहिए। जबकि बगल के ही श्याम किशोर प्रसाद ने बताया कि वे लोग टैक्स तो देते हैं लेकिन सुविधा उस हिसाब से नहीं मिल पाती है। उन्होंने यह भी बताया शहर में यही एक वार्ड ऐसा है जहां एक भी ट्यूबवेल नहीं लगाया गया है।
क्या कहते हैं वार्ड पार्षद:
वार्ड पार्षद श्याम जायसवाल का कहना है कि जिस उम्मीद के साथ वार्ड के मतदाताओं ने कमान उन्हें सौंपी थी उस पर वह खरा उतरने का भरसक प्रयास किये हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वार्ड की दयनीय स्थिति को देखते हुए दो वर्ष के अंदर करीब एक करोड़ की लागत से विकास का कार्य किया गया है। लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने बताया कि दो वर्ष के बाद नये अध्यक्ष उनके साथ भेदभाव की नीति अपना रखी है। ताकि उसे दरकिनार किया जा सके। लेकिन वार्डवासियों का सहयोग उनके साथ है।

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