अररिया : रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी द्वारा बुधवार को संसद में प्रस्तुत रेल बजट ने जहां रेल युजर्स को निराश किया है वहीं, भाजपा ने इसे अब तक का सबसे घटिया रेल बजट बताया है। जदयू ने रेल बजट को जर्जर व शंटिंग यार्ड में पड़े खाली डिब्बे की संज्ञा दी है।
रेल बजट को लेकर बुधवार को हर आम ओ खास की तीखी प्रतिक्रिया सामने आयी। महंगाई की मार से पहले से ही त्रस्त आम जन यह मानते हैं कि रेल मंत्री ने जनता की जेब पर 'डाका' डाल दिया है। रेल भाड़े में बढ़ोतरी कहीं से उचित नहीं।
भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष सैयद सरफराज हुसैन ने कहा कि यह रेल बजट अब तक का सबसे खराब है, क्योंकि इसमें आम जन के हित का ख्याल नहीं रखा गया है। रेल किराये में वृद्धि पूरी तरह नाजायज है। उन्होंने कहा कि इसके लिए लड़ाई जारी रहेगी।
पूर्व विधायक जनार्दन यादव ने रेल बजट को दिशाहीन व गरीब विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय इस इलाके में कई रेल परियोजनाओं की स्वीकृति दे चुका है। इन सब पर इस बार काम चालू होने की उम्मीद थी, लेकिन एकाध को छोड़कर कोई उम्मीद पूरी नहीं हुई।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण झा ने कहा कि भाड़े में बढ़ोतरी कहीं से जायज नहीं है। इस बजट से काम की तलाश में प्रवास पर जाने वाले युवाओं की जेब ढीली हो जायेगी।
भाजपा जिलाध्यक्ष आलोक कुमार भगत ने कहा कि संपूर्ण देश कांग्रेस के कुशासन से महंगाई की मार झेल रहा है, अब रेल भाड़े में वृद्धि से यह मार चौतरफा हो गयी है।
जदयू जिलाध्यक्ष नौशाद आलम ने कहा कि संप्रग सरकार का रेल बजट शंटिंग यार्ड में पड़े बेकार व खाली पड़े जर्जर डिब्बे की तरह है, जिससे जनता का कोई भला नहीं होने वाला।
व्यवसायी शांति लाल जैन ने कहा कि रेल बजट विकास विरोधी व जन विरोधी है, क्यों कि भाड़े में वृद्धि की मार सीधे आम जन पर पड़ेगी।
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े तुफैल अहमद ने कहा कि आज जब बिहार में शिक्षा क्रांति आ रही है, वैसे में रेल बजट में छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए अलग से प्रावधान किया जाना चाहिए था। वहीं, व्यवसायी वरुण जायसवाल ने रेल बजट की आलोचना करते हुए इसे बेकार बताया। उन्होंने कहा कि रेल भाड़ा में बढ़ोतरी समझ से परे है। समाजसेवी पारसचंद भारती ने कहा कि यह रेल बजट मंहगाई व आम जनता की तकलीफें बढ़ाने वाला है। वहीं, अभाविप के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रो.एमपी सिंह ने कहा कि इस रेल बजट में छात्रों व युवाओं की घोर उपेक्षा की गयी है तथा नई परियोजनाओं को टेकअप नहीं किया गया है। बजट बासी व घटिया है।
फारबिसगंज से हप्र के अनुसार रेल बजट पर यहां के लोगों ने मिश्रित प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कुछ ने जहां बजट से महंगाई की मार बढ़ने की आशंका जताई है वहीं कईयों ने इसे संतुलित बजट बताया है।
रेलमंत्री द्वारा सभी श्रेणियों की यात्रा भाड़ा में प्रति की मीटर दो से तीस पैसे तक की वृद्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तमाल सेन, विक्रम अग्रवाल, जगदीश विराजी, अरविंद गोयल, शाहजहां साद आदि ने बताया कि यात्री भाड़े में वृद्धि का भारत मध्यम वर्ग के लोगों पर अधिक पड़ेगा। उनके अनुसार यात्री भाड़े में तो बढ़ोत्तरी कर दी जाती है, लेकिन इस क्षेत्र से चलने वाली ट्रेनों में यात्री सुविधाओं का घोर अभाव रहता है। यहां उल्लेखनीय है कि रेल मंत्री द्वारा प्रस्तावित यात्री भाड़ा लागू होने पर फारबिसगंज से पटना स्लीपर श्रेणी में करीब 15 रुपये एवं दिल्ली के लिए करीब साथ रुपए एवं दिल्ली के लिए करीब साठ रुपये अधिक लगेंगे। जबकि फारबिसगंज से दिल्ली तक एसी-थ्री में लगभग 135 रुपए अधिक भाड़ा लगेगा।
वहीं डीआरयूसी सदस्य विनोद सादगी एवं बच्छराज राखेचा सहित कई लोगों ने बजट को संतुलित बताते हुए कहा कि रेलवे जिस आर्थिक संकट से जुझ रहा था उसे उबारने के लिए इस बजट के प्रस्तावित प्रावधान स्वागत योग्य है। उन्होंने बजट में रेल की सर्वागीण सुरक्षा हेतु प्रस्तावित रेलवे सेफरी आथोरिटी के गठन का भी स्वागत किया।
कुल मिलाकर सीमावर्ती क्षेत्र के अधिकांश लोगों ने रेल बजट को निराशाजनक ही करार दिया।
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