Wednesday, March 14, 2012

विद्यालयों के बच्चों को छत नसीब नहीं

भरगामा (अररिया) : एक ओर शिक्षा में सुधार के लिए सरकार पैसे पानी की तरह बहा रही है वहीं आज भी प्रखंड क्षेत्र में विद्यालयों को भवन तक नसीब नहीं हो पाया है। भरगामा में एक दर्जन के करीब ऐसे भी विद्यालय हैं जो भवन हीन या संसाधन विहीन हैं। यहां आज भी बच्चे खुले आकाश के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
प्राप्त विभागीय जानकारी के मुताबिक केवल भरगामा में विद्यालयों की कुल सं. 152 है। जिसमें 05 उच्च विद्यालय है तथा मध्य विद्यालयों की सं. 55 एवं प्राथमिक विद्यालयों की सं. 92 है। यहां कम से कम चौदह नवसृजित विद्यालय हैं जिसके पास न तो अपनी जमीन है, न भवन और न ही उपस्कर आदि। भवन या संसाधन विहीन इन विद्यालयों की स्थिति यह है कि नामांकित बच्चे या शिक्षक बैठने से लेकर पढ़ाई करने तक नए-नए जगह तलाशते फिरते हैं। नवसृजित विद्यालय आनंद नगर खजुरी, नवसृजित विद्यालय हरिबोल मुखिया टोला खजुरी जैसे कम से कम एक दर्जन से उपर विद्यालय है जो भवन से लेकर उपस्कर आदि का अभाव झेल रहे हैं। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भरगामा राधेय सिंह ने बताया कि भवन या संसाधन विहीन विद्यालयों को चिन्हित कर जमीन उपलब्ध करवाने की दिशा में प्रयास जारी है। जमीन उपलब्ध होने के साथ ही भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा। लेकिन जैसा कि आरोप है जमीन उपलब्ध करवाने को लेकर किया जा रहा विभागीय प्रयास अपेक्षाकृत धीमा है। शायद यही कारण है कि पास के बांकी साधन संपन्न विद्यालयों में किलकारी भरते बच्चों को देख भवनहीन तथा संसाधन विहीन विद्यालयों में बच्चों के बालमन में सहज मायूसी होती है कि काश। हमारा भी विद्यालय..।

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